पटना: बिहार के भागलपुर का पुल हादसा इस वक़्त सुर्ख़ियों में हैं। भागलपुर और खगड़िया को जोड़ने के लिए गंगा नदी पर बन रहे केबल ब्रिज का हश्र कुछ ऐसा होगा, किसी ने सोचा नहीं होगा। पुल का एक हिस्सा टूटकर गिर गया। जानकारी के मुताबिक, पुल के 3 पिलर और सुपरस्ट्रक्चर गंगा नदी में […]
पटना: बिहार के भागलपुर का पुल हादसा इस वक़्त सुर्ख़ियों में हैं। भागलपुर और खगड़िया को जोड़ने के लिए गंगा नदी पर बन रहे केबल ब्रिज का हश्र कुछ ऐसा होगा, किसी ने सोचा नहीं होगा। पुल का एक हिस्सा टूटकर गिर गया। जानकारी के मुताबिक, पुल के 3 पिलर और सुपरस्ट्रक्चर गंगा नदी में डूब गए। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि पहले पिलर गिरा और फिर पानी ने स्ट्रक्चर को अपने आगोश में ले लिया। हालांकि यह पुल पहली बार नहीं गिरा है। पहले भी उसका कुछ हिस्सा नदी में बह गया था।
बता दें, यह पुल गंगा नदी पर बना था जो खगड़िया के अगुआनी घाट और भागलपुर के सुल्तानगंज को जोड़ेगा। यह प्रोजेक्ट CM नीतीश कुमार के ड्रीम प्रोजेक्ट्स में से एक बताया जाता है। इस पुल की लागत करीब 1700 करोड़ रुपये थी लेकिन 1700 करोड़ रुपये की लागत से बना यह पुल 17 महीने भी नहीं चल सका और पुल के साथ-साथ CM का सपना भी चूर-चूर हो गया।
दरअसल, 23 फरवरी 2014 को खगड़िया में पुल बनाने के लिए पहला शिलान्यास किया गया था। 9 मार्च 2015 को CM नीतीश कुमार ने पुल बनाने की आधारशिला रखी थी। पुल का काम मार्च 2019 तक पूरा होने की उम्मीद थी, लेकिन आज 4 साल बाद तक भी यह पूरा नहीं हो सका है। मार्च 2020 में पुल के तैयार होने की समय सीमा बढ़ गई। दूसरी बार, पुल के तैयार होने की समय सीमा मार्च 2022 तक बढ़ गई। इस ब्रिज को 4 साल में पूरा करने का मकसद था, लेकिन यह 8 साल में भी पूरा नहीं हो सका।
वहीं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसकी जांच के आदेश दिए और कंस्ट्रक्शन कंपनी के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए। पुल के टूटने से भी बिहार में सियासी पारा चढ़ गया है। सरकार भले ही जांच के आदेश दे दे लेकिन विपक्ष इसे लेकर आक्रामक हो गया है। गंगा नदी पर बन रहे इस पुल का निर्माण अंतिम चरण में था। इस पुल को इसी साल नवंबर या दिसंबर में खोला जाना था, लेकिन खुलने से पहले दो बार पुल का इस तरह गिरना कई सवाल और आशंकाएं पैदा कर रहा है। पुल की सुरक्षा को लेकर भी बड़े सवाल उठ रहे हैं।