पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी 2019 के लिए कांग्रेस के साथ गठबंधन के सपने देख रही हैं. लेकिन उनके राज्य की कांग्रेस इकाई इस बात से बिल्कुल राजी नहीं है. पश्चिम बंगाल की कांग्रेस इकाई ने पार्टी मुख्यालय को चुनावी प्लान भेजा है जिसमें टीएमसी और बीजेपी के खिलाफ अन्य लेफ्ट पार्टियों को एकजुट करने का प्रस्ताव है. स्टेट कांग्रेस ने राहुल गांधी से कहा है कि कांग्रेस और लेफ्ट एक ही ऑफिस से चुनाव का काम करें.
कोलकाता. पश्चिम बंगाल कांग्रेस ने टीएमसी को झटका देते हुए अन्य लेफ्ट पार्टियों के साथ गठबंधन करने संबंधी 21 स्टेप की एक रिपोर्ट दिल्ली मुख्यालय को भेजी है. इसमें टीएमसी-बीजेपी नेक्सस को तोड़ने के लिए अन्य लेफ्ट पार्टियों के साथ गठबंधन कर साझा ऑफिस खोलने का सुझाव भी है. पश्चिम बंगाल कांग्रेस के जनरल सेक्रेट्री ओपी मिश्रा ने यह रिपोर्ट 13 जून को दिल्ली मुख्यालय भेजी है.
ओपी मिश्रा ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि हमने राज्य में चुनावी रणनीति पर रिपोर्ट दिल्ली भेज दी है और अब हम इस पर पार्टी हाईकमान के रिप्लाई का इंतजार कर रहे हैं. मिश्रा ने कहा कि इस रिपोर्ट को सिर्फ 2019 के लोकसभा चुनाव ही नहीं बल्कि, 2021 के विधानसभा चुनाव को देखते हुए तैयार किया गया है. इसमें इन बातों का ध्यान रखा गया है कि राज्य में टीएमसी को हराकर सत्ता में कैसे आया जा सकता है. हम सीपीएम के साथ गठबंधन कर सरकार बनाने के विरोध में नहीं हैं.
पिछले महीने वेस्ट बंगाल कांग्रेस प्रेसिडेंट अधीर रंजन चौधरी ने ऐलान किया था कि हमारा इरादा टीएमसी और बीजेपी के अलावा अन्य सभी पार्टियों को एकजुट करने का है. उन्होंने कहा कि यह निर्णय कांग्रेस के सभी विधायकों और जिला स्तर के कार्यकर्ताओं की बैठक में किया गया है. इसके साथ ही ओपी मिश्रा से इस प्लान के ड्रॉ बैक के बारे में पूछा गया है. इसकी रिपोर्ट ऑल इंडिया कांग्रेस कमिटी को भेज दी गई है वहां से जो निर्णय होगा वह मान्य होगा.
इस 21 स्टेप के प्रस्ताव में कोलकाता, आसनसोल, बेहरामपुर और सिलीगुरी में केंद्रीय कार्यालय खोलने का सुझाव दिया गया है. इसके साथ ही पार्टी की वेबसाइट, ट्विटर और फेसबुक पेज को मजबूती देने संबंधी सुझाव है. इसके अलावा 50 हजार वॉलंटियर्स की नियुक्ति और टीएमसी व बीजेपी पार्टियों के अलावा अन्य सभी पार्टियों को अक्टूबर 2018 तक एकजुट करने का सुझाव है.