नई दिल्ली: अग्निपथ योजना के अंतर्गत चार साल की अवधि के लिए अग्निवीर सैनिकों की भर्ती की जाती है, जिसमें सेवा समाप्त होने के बाद उन्हें वित्तीय सुरक्षा भी प्रदान की जाती है। बता दें सरकार ने अग्निवीरों और उनके परिवारों को आर्थिक सहारा देने के लिए कई प्रावधान किए हैं, जिसमें सेवा निधि फंड […]
नई दिल्ली: अग्निपथ योजना के अंतर्गत चार साल की अवधि के लिए अग्निवीर सैनिकों की भर्ती की जाती है, जिसमें सेवा समाप्त होने के बाद उन्हें वित्तीय सुरक्षा भी प्रदान की जाती है। बता दें सरकार ने अग्निवीरों और उनके परिवारों को आर्थिक सहारा देने के लिए कई प्रावधान किए हैं, जिसमें सेवा निधि फंड से लेकर, विकलांगता या मृत्यु की स्थिति में मुआवजा देने तक के प्रावधान शामिल हैं। आइए जानते है इस योजना के तहत अग्निवीर सैनिकों को क्या-क्या फायदे मिलते हैं.
इस योजना के तहत, अग्निवीरों की मासिक सैलरी का एक हिस्सा सेवा निधि फंड में जमा किया जाता है और सरकार भी उतनी ही राशि का योगदान करती है। वहीं चार साल की सेवा पूरी होने पर यह राशि दोगुनी होकर लगभग 10 लाख रुपये तक पहुंच जाती है, जो अग्निवीर सैनिकों को दी जाता है। यह राशि उनके भविष्य की आर्थिक जरूरतों को पूरा करने में मदद करती है।
वहीं अगर ड्यूटी के दौरान किसी अग्निवीर की मृत्यु हो जाती है, तो उसके परिवार को 48 लाख रुपये का बीमा कवर, 44 लाख रुपये की अतिरिक्त अनुग्रह राशि और चार साल के कार्यकाल की बची हुई सैलरी दी जाती है। इतना ही नहीं इसके अलावा सेवा निधि फंड की जमा राशि भी परिवार को मिलती है। इस प्रावधान से अग्निवीरों के परिवारों को आर्थिक सुरक्षा मिलती है।
वहीं ऑन ड्यूटी एक्सीडेंट के बाद विकलांगता की स्थिति में, मुआवजा विकलांगता के प्रतिशत के आधार पर दिया जाता है। 100% विकलांगता पर 44 लाख रुपये, 75% विकलांगता पर 25 लाख रुपये और 50% विकलांगता पर 15 लाख रुपये दिए जाते हैं। इसके साथ ही विकलांगता के बावजूद अग्निवीर को चार साल की पूरी सैलरी और सेवा निधि फंड की राशि भी प्रदान की जाती है। बता दें अग्निपथ योजना के माध्यम से न केवल युवाओं को देशसेवा का अवसर मिलता है, बल्कि उनकी सेवा समाप्ति के बाद भी उन्हें वित्तीय सुरक्षा दी जाती है।
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