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तिरुपति बालाजी के लड्डू से पहले इस मंदिर के प्रसाद पर उठे थे सवाल

मुंबई : महाराष्ट्र के अहमदनगर का शिरडी के साईं बाबा का मंदिर भी एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है. साईं बाबा में लाखों लोगों की आस्था है. तिरुपति बालाजी इन दिनों बहुत चर्चा में हैं। इस मंदिर के अलावा शिरडी में भी प्रसाद के तौर पर लड्डू बाटते हैं. तिरुपति बालाजी के लड्डू इन दिनों काफी […]

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तिरुपति बालाजी के लड्डू से पहले इस मंदिर के प्रसाद पर उठे थे सवाल
  • September 21, 2024 11:08 pm Asia/KolkataIST, Updated 3 months ago

मुंबई : महाराष्ट्र के अहमदनगर का शिरडी के साईं बाबा का मंदिर भी एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है. साईं बाबा में लाखों लोगों की आस्था है. तिरुपति बालाजी इन दिनों बहुत चर्चा में हैं। इस मंदिर के अलावा शिरडी में भी प्रसाद के तौर पर लड्डू बाटते हैं. तिरुपति बालाजी के लड्डू इन दिनों काफी चर्चा में हैं. एक जांच में पता चला है कि इन लड्डू में जानवरों की चर्बी मिलाई गई है . इस खुलासे के बाद न सिर्फ आंध्र प्रदेश की सियासत गरमा गई है, बल्कि दुनियाभर के लाखों भक्तों की आस्था को भी ठेस पहुंची है.

लड्डू की गुणवत्ता बहुत खराब

आपको हम बता दें कि शिरडी के साईं बाबा मंदिर में मिलने वाले प्रसाद पर भी बवाल मच चूका है। साईं बाबा के प्रसाद में मिलावट का आरोप लगाया गया था. घी की गुणवत्ता पर सवाल उठाए गए थे । यह घटना अगस्त 2012 की है. उस वक्त कई भक्तों ने आरोप लगाया था कि मंदिर में प्रसाद के तौर पर मिलने वाले लड्डू मिलावटी होते हैं. भक्तों की शिकायत थी कि लड्डू की गुणवत्ता बहुत खराब है यह खाने योग्य नहीं है. कुछ भक्तों ने तो यहां तक ​​आरोप लगाया था कि प्रसाद से बदबू आती थी.

हलवे में इस्तेमाल होने वाली सूजी की भी शिकायत

उस समय शिरडी साईं बाबा मंदिर में रोजाना करीब 50 क्विंटल प्रसाद तैयार किया जाता था। प्रसाद के लिए सामग्री टेंडर के जरिए खरीदी जाती थी। कुछ भक्तों ने न सिर्फ लड्डू की निम्न क्वालिटी की ओर ध्यान दिलाया, बल्कि इसकी शिकायत भी की। सत्यनारायण प्रसाद के लिए बनाए गए सूजी के हलवे की गुणवत्ता पर भी सवाल उठाए गए थे। शिकायतों के बाद जिले के शीर्ष प्रशासनिक अधिकारियों के साथ-साथ मंदिर न्यास समिति के सदस्यों ने भी पाया कि लड्डू का स्वाद खराब था। इसके बाद उन्होंने घी निर्माता और आपूर्तिकर्ता के खिलाफ कार्रवाई के संकेत दिए थे ।

पहले भी हुई थी शिकायत

प्रसाद की खराब गुणवत्ता को लेकर यह पहली बार शिकायत नहीं की गई है। इससे पहले 2009 में भी लड्डू में दुर्गंध आने का मामला सामने आया था। उस दिन बनाए गए करीब डेढ़ लाख लड्डू नष्ट करवा दिए गए थे, ताकि इन्हें खाने के बाद कोई बीमार न पड़ जाए। उस समय इन लड्डुओं को खाने वाले श्रद्धालुओं को उल्टियां होने लगी थीं। इसमें इस्तेमाल किए गए घी को लेकर सवाल उठे थे।

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