लखनऊ : माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ अहमद की गोली मारकर हत्या कर दी गई है. इस हत्या को तीन आरोपियों ने अंजाम दिया है. इस बड़े मर्डर के बाद पूरा यूपी हाई अलर्ट पर है. सीएम योगी इस केस को खुद मॉनीटर कर रहे हैं. सीएम योगी ने बड़ा एक्शन लेते हुए […]
लखनऊ : माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ अहमद की गोली मारकर हत्या कर दी गई है. इस हत्या को तीन आरोपियों ने अंजाम दिया है. इस बड़े मर्डर के बाद पूरा यूपी हाई अलर्ट पर है. सीएम योगी इस केस को खुद मॉनीटर कर रहे हैं. सीएम योगी ने बड़ा एक्शन लेते हुए अतीक-अशरफ की सुरक्षा में तैनात 17 लोगों को सस्पेंड कर दिया है. वहीं आला अधिकारियों को आदेश दिया है कि इस मामले की हर रिपोर्ट 2 घंटे में दे.
NCRB ( नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यरो ) की एक रिपोर्ट के अनुसार पूरे देश में पिछले 20 सालों में 1800 से अधिक लोगों की पुलिस हिरासत में मौत हुई है. रिपोर्ट के मुताबिक 800 से अधिक पुलिसकर्मियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है और 358 पुलिस वालों के खिलाफ जार्जशीट दायर हुई है. इसमें 26 पुलिसकर्मियों को सजा दी गई है.
सुप्रीम कोर्ट ने 1996 में एक केस की सुनवाई के दौरान कहा था कि पुलिस हिरासत में हत्या जघन्य अपराध है. उत्तर प्रदेश में 2017 से लेकर 2022 तक के बीच पुलिस हिरासत में 41 लोगों की मौत हुई है. गृह मंत्रालय ने लोकसभा में जानकारी देते हुए बताया था कि 2017 में 10, 2018 में 12, 2019 में 3, 2020 में 8 और 2021 में 8 लोगों की मौत पुलिस हिरासत में हुई है.
60 वर्षीय अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ अहमद की कल रात दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस हत्या को तीन आरोपियों ने अंजाम दिया। इस समय पुलिस उन आरोपियों को हिरासरत में लेकर पूछताछ कर रही है। माफिया के मारे जाने से दो दिन पहले ही उसके तीसरे नंबर के पुत्र असद की पुलिस एनकाउंटर में झांसी में मौत हुई थी। दो दिनों के अंदर की परिवार के तीन सदस्यों के मारे जाने से अतीक साम्राज्य लगभग खत्म माना जा रहा है, लेकिन अभी इस परिवार के 6 सदस्य बचे हुए हैं।