BBC डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग पर JNU ने लगाई रोक, कर सकती है शांति भंग

नई दिल्ली: BBC यानी ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बनी डॉक्यूमेंट्री ‘द मोदी क्वेश्चन’ को बनाया था। अब इसे लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। अब जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी प्रशासन ने विवादित डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग रद्द कर दी है। सोमवार को यूनिवर्सिटी के व्यवस्थापक ने कहा – ये डॉक्यूमेंट्री परिसर में शांति […]

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BBC डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग पर JNU ने लगाई रोक, कर सकती है शांति भंग

Ayushi Dhyani

  • January 23, 2023 11:35 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली: BBC यानी ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बनी डॉक्यूमेंट्री ‘द मोदी क्वेश्चन’ को बनाया था। अब इसे लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। अब जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी प्रशासन ने विवादित डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग रद्द कर दी है। सोमवार को यूनिवर्सिटी के व्यवस्थापक ने कहा – ये डॉक्यूमेंट्री परिसर में शांति को भंग कर सकती है।’ आपको बता दें, स्क्रीनिंग का आयोजन जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ ने किया था। वहीं प्रशासन ने इस डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग को रद्द किए जाने का आदेश दे दिया है।

एक रिपोर्ट के मुताबिक इस मामले पर युनिवेर्सिटी के एक अधिकारी का कहना है कि छात्रों के एक समूह ने डॉक्यूमेंट्री “इंडिया: द मोदी क्वेश्चन” की स्क्रीनिंग के लिए एक पैम्फलेट जारी किया है। 24 जनवरी 2023 को टेफ्लास में रात 9:00 बजे पीएम मोदी पर आधारित डॉक्यूमेंट्र की स्क्रीनिंग का जिक्र किया गया।

साथ ही उन्होंने कहा, “संबंधित छात्रों को दृढ़ता से प्रस्तावित कार्यक्रम को तुरंत रद्द करने का आदेश दे दिया गया है। यदि ये कार्यक्रम होता है तो विश्वविद्यालय के नियमों के अनुसार सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जायगी।

प्रधानमंत्री के राजनीति सफर पर आधारित

यह फिल्म पीएम मोदी के राजनीतिक करियर का गहन अध्ययन करती है. जिसमें बतौर गुजरात के मुख्यमंत्री उनका कार्यकाल भी शामिल है. बता दें, बतौर गुजरात सीएम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कार्यकाल 2002 में राज्य को हिलाकर रख देने वाले दंगों से प्रभावित था. इस हिंसा में 2000 लोगों ने जान गंवाई थी.

गुजरात दंगों का भी ज़िक्र

एक समाचार एजेंसी के अनुसार इस डॉक्यूमेंट्री में गुजरात की तत्कालीन भाजपा सरकार की दंगों से निपटने के लिए तीखी आलोचना की गई थी. इसमें विरोधियों ने तर्क भी दिया कि यह सरकार की मिलीभगत थी. इसमें आगे कहा गया कि मोदी यूके और यूएस के एक महत्वपूर्ण सहयोगी हैं और दक्षिण पूर्व एशिया में चीनी शक्ति के लिए एक महत्वपूर्ण प्रतिद्वंद्वी माने जाते हैं. हालाँकि, उन्हें देश और विदेश में बहुत आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। उनके विरोधियों का आरोप है कि भारत में राजनीतिक अधिकारों का क्षरण है.

 

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