कोलकाता : प्रेसीडेंसी यूनिवर्सिटी में SFI ने फिर दिखाई बीबीसी की विवादित डॉक्यूमेंट्री

कोलकाता: गुजरात दंगों पर बनी बीबीसी की विवादित डॉक्यूमेंटरी पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. जहां एक बार फिर कोलकाता की प्रेसीडेंसी यूनिवर्सिटी में इस डॉक्यूमेंटरी की स्क्रीनिंग रखी गई. बता दें, इससे पहले भी यूनिवर्सिटी में विवादित फिल्म को दिखाने का प्रयास किया जा चुका है. SFI – CPI(M) की छात्र […]

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कोलकाता : प्रेसीडेंसी यूनिवर्सिटी में SFI ने फिर दिखाई बीबीसी की विवादित डॉक्यूमेंट्री

Riya Kumari

  • January 31, 2023 6:32 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

कोलकाता: गुजरात दंगों पर बनी बीबीसी की विवादित डॉक्यूमेंटरी पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. जहां एक बार फिर कोलकाता की प्रेसीडेंसी यूनिवर्सिटी में इस डॉक्यूमेंटरी की स्क्रीनिंग रखी गई. बता दें, इससे पहले भी यूनिवर्सिटी में विवादित फिल्म को दिखाने का प्रयास किया जा चुका है. SFI – CPI(M) की छात्र शाखा ने इस विवादास्पद बीबीसी डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग की व्यवस्था की है.

परिसर में की स्क्रीनिंग

स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) एक बार फिर कोलकाता के प्रतिष्ठित प्रेसीडेंसी यूनिवर्सिटी (पीयू) में बीबीसी की विवादित डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग को लेकर अड़ गया है. जहां मंगलवार को छात्रों के लिए यूनिवर्सिटी में एक बार फिर विवादित डॉक्यूमेंट्री दिखाई गई. विश्वविद्यालय परिसर के बैडमिंटन कोर्ट में यह स्क्रीनिंग रखी गई.

पहले भी की गई कोशिश

बता दें, परिसर में स्क्रीनिंग को लेकर बिजली सेवाओं के विच्छेदन के बाद पहले कार्यक्रम बाधित हो गया था. इसके बाद छात्रों ने परिसर के भीतर विरोध प्रदर्शन किया था. छात्रों ने पहले दावा किया था कि राज्य सरकार के एक निर्देश के बाद विश्वविद्यालय के अधिकारियों द्वारा जानबूझकर बिजली सेवाओं को बंद कर दिया था. इसके बाद छात्रों ने दूसरी बार परिसर में डॉक्यूमेंटरी की स्क्रीनिंग करने का फैसला किया. सोमवार(30 जनवरी) को छात्रों ने परिसर में विवादास्पद वृत्तचित्र की स्क्रीनिंग की व्यवस्था की.

जानिए क्या है डॉक्यूमेंट्री विवाद?

बता दें कि, बीबीसी ने साल 2002 में गुजरात में हुए दंगों को लेकर एक डॉक्यूमेंट्री सीरीज बनाई है। इंडिया: द मोदी क्वेश्चन नाम की इस डॉक्यूमेंट्री को लेकर देश भर में विवाद शुरू हो गया है। केंद्र सरकार ने इस डॉक्यूमेंट्री को दुर्भावनापूर्ण बताते हुए इस पर प्रतिबंध लगा दिया है। बैन के बावजूद कई विपक्षी दल इस डॉक्यूमेंट्री की स्पेशल स्क्रीनिंग करवा रहे हैं। देश के विश्वविद्यालयों में भी बीबीसी की इस डॉक्यूमेंट्री को प्रसारित करने की कोशिश की जा रही है। इसे लेकर दिल्ली यूनिवर्सिटी, हैदराबाद यूनिवर्सिटी और कोलकाता के एक विश्वविद्यालय में विवाद हो चुका है।

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