Advertisement

BBC Documentary Row: स्क्रीनिंग विवाद पर Jamia की VC का बयान- ‘…अंदर कुछ नहीं हुआ’

नई दिल्ली: जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी में बीते दिन(25 जनवरी) बीबीसी की विवादित डॉक्यूमेंट्री ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ को लेकर हुआ बवाल अभी भी थमा नहीं है. दरअसल छात्रों ने इस डॉक्यूमेंटरी की स्क्रीनिंग करने का ऐलान किया था जिसपर यूनिवर्सिटी प्रशासन की रोकटोक के बाद विरोध प्रदर्शन भी हुए. इस दौरान 7 छात्रों को […]

Advertisement
BBC Documentary Row: स्क्रीनिंग विवाद पर Jamia की VC का बयान- ‘…अंदर कुछ नहीं हुआ’
  • January 26, 2023 5:58 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली: जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी में बीते दिन(25 जनवरी) बीबीसी की विवादित डॉक्यूमेंट्री ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ को लेकर हुआ बवाल अभी भी थमा नहीं है. दरअसल छात्रों ने इस डॉक्यूमेंटरी की स्क्रीनिंग करने का ऐलान किया था जिसपर यूनिवर्सिटी प्रशासन की रोकटोक के बाद विरोध प्रदर्शन भी हुए. इस दौरान 7 छात्रों को पुलिस हिरासत में भी लिया गया.

‘एहतियाती उपाय अच्छे थे’- VC नज़मा

अब इस मामले को लेकर जामिया यूनिवर्सिटी की कुलपति नजमा अख्तर का बयान सामने आया है. कॉलेज की वीसी का कहना है कि ‘हमारी यूनिवर्सिटी के अंदर कुछ भी ऐसा नहीं हुआ, बल्कि एक कोशिश की गई, लेकिन उसे पूरी तरह से नाकाम कर दिया गया. उन्होंने आगे बताया कि ‘जो हुआ, सड़कों पर हुआ. यह महज छोटी घटना थी जिसे काफी बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया. दूसरी ओर उन्होंने दावा किया है कि हमारे एहतियाती उपाय अच्छे थे. गौरतलब है कि बुधवार को कुलपति नजमा अख्तर ने परिसर में डॉक्यूमेंट्री को दिखाने की घोषणा करने वाले छात्र समूह पर ‘शांति और सद्भाव को बिगाड़ने’ का आरोप लगाया था. साथ ही उन्होंने इसकी अनुमति ना देते हुए कहा था कि वह विश्वविद्यालय में शांति और सद्भाव बनाए रखना चाहती हैं.

 

क्या है पूरा विवाद?

बीबीसी की यह डॉक्यूमेंट्री दावा करती है कि उन्होंने अपने स्तर पर साल 2002 में होने वाले गुजरात दंगों से जुड़े कुछ पहलू की पड़ताल की है. बता दें, दंगों के समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही गुजरात के मुख्यमंत्री थे. इस डॉक्यूमेंटरी में ब्रिटिश सरकार की एक खुफिया रिपोर्ट के हवाले से बताया गया है कि गुजरात दंगों में एथनिक क्लेंज़िंग के निशान थे. इसी डॉक्यूमेंटरी और दावों से सारा बवाल शुरू हुआ जहां विवाद को बढ़ता देख सरकार ने कथित रूप से यूट्यूब और ट्विटर लिंक को हटाने के आदेश दिए हैं.

पथराव से लेकर धरना प्रदर्शन

विपक्षी दलों ने इस कदम के लिए सरकार की आलोचना की है. साथ ही डॉक्यूमेंट्री को ब्लॉक करने के फैसले को सेंसरशिप करार दिया है. इसके अलावा एडवाइजरी को दरकिनार करते हुए JNU और जामिया समेत के कई युवा और छात्र संगठनों ने डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग यूनिवर्सिटी कैंपस में करने की मांग की है. JNU में इसे लेकर पथराव भी हुए. अब जामिया में छात्रों का धरना प्रदर्शन भी जारी है.

दिल्ली का अगला मेयर, गुजरात चुनाव और फ्री रेवड़ी, मनीष सिसोदिया ने बताए सारे राज!

India News Manch पर बोले मनोज तिवारी ‘रिंकिया के पापा’ पर डांस करना सबका अधिकार

Advertisement