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गंगा स्नान हो सकता है खतरनाक, CPCB ने बताया- नदी में काफी मात्रा में पाया गया ‘फीकल कोलिफॉर्म’ बैक्टीरिया

नई दिल्लीः इस साल इलाहाबाद में कुंभ मेले का आयोजन होने जा रहा है. यहां पर गंगा और यमुना नदी का संगम होता है. देश ही नहीं बल्कि दुनिया भर से लाखों श्रद्धालु इस पावन अवसर पर स्नान के लिए यहां पहुंचते हैं लेकिन इस बार कुंभ स्नान के लिए जाने से पहले यह खबर पढ़ना आपके लिए बेहद जरूरी है. दरअसल केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने नदी में प्रदूषण के स्तर को लेकर चौंकाने वाले आंकड़े जारी किए हैं. जिसके अनुसार नदी में स्नान करना आपके शरीर के लिए बेहद खतरनाक हो सकता है.

CPCB ने जो जानकारी सार्वजनिक की है उसके मुताबिक, इलाहाबाद में नदी के पानी में फीकल कोलिफॉर्म नाम बैक्टीरिया सामान्य मात्रा से काफी अधिक पाया गया है. इतनी अधिक मात्रा में यह बैक्टीरिया स्नान के लिए बिल्कुल भी अनुकूल नहीं है. यह बैक्टीरिया ई. कोली बैक्टीरिया जैसा ही होता है जो मल-मूत्र में पाया जाता है. सीवर के पानी को गंगा नदी में सीधे डाल दिए जाने के कारण नदी में इसका स्तर काफी बढ़ गया है. CPCB के आंकड़ों के अनुसार, नदी में प्रदूषण का स्तर शहरों के किनारे वाले इलाकों में काफी अधिक है.

इसकी एक वजह लोगों द्वारा नदी में सीवर लाइन जोड़ना, फैक्ट्री आदि से निकले गंदे पानी की निकासी, कूड़ा-करकट फेंकना इत्यादि है. उत्तर प्रदेश की 16 जगहों (जहां से गंगा नदी गुजरती है) में से लगभग आधी से ज्यादा जगहों पर प्रदूषण का स्तर सामान्य स्तर से कई गुना अधिक पाया गया. बिहार में यह आंकड़ा और भी बढ़ जाता है. CPCB द्वारा साल 2017 में जारी किए गए 5 राज्यों उत्तराखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड और पश्चिम बंगाल के आंकड़ों में भी प्रदूषण के मामले में बिहार और यूपी की कई जगहों पर फीकल बैक्टीरिया काफी अधिक मात्रा में पाया गया.

उत्तराखंड में गंगा के पानी को सबसे साफ पाया गया. झारखंड के एक स्टेशन पर भी नदी के पानी को सामान्य स्तर पर पाया गया. बोर्ड के अधिकारी बताते हैं कि गंगा नदी को नुकसान पहुंचाने वाले इंसान ही हैं. सीवर आदि की गंगा नदी में निकासी, फैक्ट्रियों का गंदा पानी, कूड़ा-करकट फेंके जाने की वजह से ही पवित्र गंगा आज बेहद खराब हालत में है. किसी समय में चमत्कारी मानी जाने वाली गंगा नदी आज खुद आईसीयू में है. बताते चलें कि साल 2015 में ‘नमामि गंगे’ परियोजना की शुरूआत की गई थी. परियोजना का बजट 20 हजार करोड़ रुपये निर्धारित किया गया था. 192 प्रोजेक्ट के लिए 19,630 करोड़ जारी किए गए लेकिन अभी तक केवल 49 प्रोजेक्ट ही पूरे हो पाए हैं.

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Aanchal Pandey

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