नई दिल्ली: बरेली के शीशगढ़ गांव के एक निजी अस्पताल में एक महिला ने अजीबो-गरीब बच्चे को जन्म दिया है. बता दें बच्चे के शरीर में बाल है और रंग भी अजीब है. बच्चे के पूरे मुंह में दांत है. डॉक्टरो का का कहना है कि बच्चा दुर्लभ अनुवांशिक विकार (हार्लेक्विन इक्थियोसिस) से ग्रसित है. […]
नई दिल्ली: बरेली के शीशगढ़ गांव के एक निजी अस्पताल में एक महिला ने अजीबो-गरीब बच्चे को जन्म दिया है. बता दें बच्चे के शरीर में बाल है और रंग भी अजीब है. बच्चे के पूरे मुंह में दांत है. डॉक्टरो का का कहना है कि बच्चा दुर्लभ अनुवांशिक विकार (हार्लेक्विन इक्थियोसिस) से ग्रसित है. बच्चे के जन्म के दौरान उसका सिर काफी बड़ा था. आंखें भी बड़ी थी. वहीं बच्चे का शरीर पूरी तरह सफेद था. त्वचा जगह-जगह से फटी हुई थी. परिजन फौरन बच्चे को लेकर दिल्ली रवाना हो गए है.
बता दें बच्चे का जन्म तीन दिन पहले शीशगढ़ गांव के एक निजी अस्पताल में हुआ था. जन्म के समय बच्चे के शरीर पर बाल थे और मुंह के अंदर दांत थे. वहीं बच्चे की शरीर की त्वचा सफेद पड़ी हुई थी. कई जगह से त्वचा फटी हुई थी और होट बड़े-बड़े थे. परेशान परिजन उसे दिल्ली के कलावती अस्पताल लेकर पहुंचे जहां डॉक्टरों ने परिजनो को बताया कि ये एक हार्लेक्विन बेबी है. इसके बाद बच्चे के मां- बाप उसको वापस बरेली ले आए. गांव में लोगों को जब इसकी जानकारी मिली तो वो देखने के लिए आने लगे.
वरिष्ठ स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. मृदुला शर्मा ने बताया कि हार्लेक्विन इचथियोसिस एक बीमारी है.ये बीमारी कई बार जेनेटिक होती है. बच्चे में यो बीमारी मां-बाप से ही आती है. कई बार दवाओं के रिएक्शन के कारण भी हो सकती है. जन्म के समय नवजात शिशुओं में ये बीमारी दिखाई देती है. बच्चें की त्वचा मोटी और पपड़ी की तरह होती है. ये बीमारी एक जीन म्यूटेशन के वजह से होती है. इसका सीधा प्रभाव त्वचा की कोशिकाओं पर पड़ता है.
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