लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मथुरा के बांके बिहारी मंदिर में दर्शनार्थियों की सुविधा एवं सुरक्षा के लिए प्रस्तावित कॉरिडोर निर्माण मामले में आज भी इलाहाबाद हाई कोर्ट में सुनवाई होगी. इस कॉरिडोर निर्माण के लिए मंदिर के ही चढ़ावे का इस्तेमाल किए जाने का प्रस्ताव दिया गया है जिसका विरोध यहां के सेवायत कर रहे […]
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मथुरा के बांके बिहारी मंदिर में दर्शनार्थियों की सुविधा एवं सुरक्षा के लिए प्रस्तावित कॉरिडोर निर्माण मामले में आज भी इलाहाबाद हाई कोर्ट में सुनवाई होगी. इस कॉरिडोर निर्माण के लिए मंदिर के ही चढ़ावे का इस्तेमाल किए जाने का प्रस्ताव दिया गया है जिसका विरोध यहां के सेवायत कर रहे हैं. उनका कहना है कि राज्य सरकार अगर विकास करना चाहती है तो खुद के पैसे से करे, मंदिर में दिए गए चढ़ावे को खर्च करने का कोई औचित्य नहीं है।
यूपी के मथुरा में बांके बिहारी मंदिर के लिए राज्य सरकार द्वारा कॉरिडोर बनाने का प्लान है और इसके लिए मंदिर के चढ़ावे का इस्तेमाल करने का प्रस्ताव दिया गया है, लेकिन इस प्रस्ताव का विरोध मंदिर के सेवायत कर रहे हैं. वहीं सेवायतों की आपत्ति के कारण अब तक इसका हल नहीं निकल सका है. सेवायतों का कहना है कि प्रस्तावित योजना के नाम पर मंदिर में दिए गए चढ़ावे को खर्च का कोई औचित्य नहीं है. अगर राज्य सरकार यहां पर श्रद्धालुओं एवं सुरक्षा के लिए कॉरिडोर बनाना चाहती है तो वो खुद के पैसे से कराए।
सेवायतों का कहना है कि इस प्रस्तावित से उन्हें कोई आपत्ति नहीं हैं, लेकिन राज्य सरकार को अपने पैसे से इसका निर्माण करना चाहिए. उन्होंने ये भी कहा कि इस वजह से मथुरा के पौराणिक और धार्मिक स्वरूप के साथ किसी करह की कोई छेड़छाड़ न की जाए।
राज्य सरकार का कहना है कि वह मंदिर में आने वाले लाखों श्रद्धालुओं को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा एवं सुविधा के लिए विकास करना चाहती है. सरकार मंदिर के लिए ये सभी सुविधाएं मंदिर के धन से ही करना चाहती है, यह जनहित में है. वहीं सरकार ने इस कोरिडोर निर्माण का प्रस्ताव 5 एकड़ में तैयार किया है।
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