लखनऊ। मिल्कीपुर विधानसभा का उपचुनाव भारतीय जनता पार्टी के लिए बदलापुर का मैदान बन चुका है। सीएम योगी ने इसे अपनी नाक का सवाल बना लिया है। लोकसभा चुनाव में अखिलेश यादव ने बीजेपी से फ़ैजाबाद की सीट छीन ली। देश से लेकर विदेश तक में बीजेपी की अयोध्या हार के चर्चे हुए। योगी आदित्यनाथ […]
लखनऊ। मिल्कीपुर विधानसभा का उपचुनाव भारतीय जनता पार्टी के लिए बदलापुर का मैदान बन चुका है। सीएम योगी ने इसे अपनी नाक का सवाल बना लिया है। लोकसभा चुनाव में अखिलेश यादव ने बीजेपी से फ़ैजाबाद की सीट छीन ली। देश से लेकर विदेश तक में बीजेपी की अयोध्या हार के चर्चे हुए। योगी आदित्यनाथ भूले नहीं है कि फैजाबाद सीट को कैसे विपक्ष ने अयोध्या की हार के रूप में प्रचारित किया। ऐसे में बीजेपी मिल्कीपुर जीतने के लिए पूरा जोर लगा रही है।
अखिलेश यादव व राहुल गांधी फ़ैजाबाद सांसद अवधेश प्रसाद को हीरो के तौर पर पेश कर रहे हैं। अवधेश प्रसाद तो यहां तक दावा करने लगे कि अब भाजपा को गुजरात में भी पटखनी देंगे। अब मिल्कीपुर की सीट फ़ैजाबाद लोकसभा सीट से भी ज्यादा दिलचस्प हो गई है। बीजेपी इसे हर हाल में अखिलेश यादव से छीनना चाहती है।
मिल्कीपुर का इतिहास देखें तो यहां पर सबसे ज्यादा सपा ने ही कब्ज़ा जमाया है। इस सीट से समाजवादी पार्टी 6 बार चुनाव जीत चुकी है। बीजेपी इस सीट से 3 बार चुनाव जीती है। पिछली बार यानी 2022 के चुनाव में बीजेपी के बाबा गोरखनाथ सपा के अवधेश प्रसाद से चुनाव हार गए थे। अवधेश प्रसाद के लोकसभा जाने पर यह सीट खाली हो गई है, जिस वजह से यहां उपचुनाव हो रहा है।
मिल्कीपुर जीतने के लिए योगी ने कोई कसर नहीं छोड़ रखी है। उन्होंने न खुद इसकी कमान संभाल रखी है बल्कि 4-4 मंत्रियों को भी मैदान में उतार रखा है। सूर्य प्रताप शाही, गिरीश यादव, सतीश शर्मा, मयंकेश्वर शरण सिंह ड्यूटी में लगे हुए हैं। योगी ने ब्राह्मण, भूमिहार,ठाकुर और यादव समाज के मंत्रियों को मोर्चे पर तैनात कर दिया है। अखिलेश यादव ने भी अयोध्या के सपा नेताओं की बैठक में साफ़ कर दिया है कि उन्हें हार हाल में मिल्कीपुर जीतना है।
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