Badaun Rape Case : बदायूं में 3 जनवरी की शाम 50 साल की आंगनबाड़ी सहायिका मंदिर में पूजा करने पहुंची, इस दौरान मंदिर पर मौजूद महंत सत्यनारायण और उसका चेला वेदराम व ड्राइवर जसपाल ने महिला के साथ गैंगरेप किया और हैवानियत भरी वारदात को अंजाम दिया.
नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में मंदिर के एक पूजारी ने महिला के साथ धर्मस्थस में ही दरिंदगी की सारी हदें पार कर दीं, उस हैवान ने तीन लोगों के साथ न केवल महिला का गैंगरेप किया बल्कि उसके प्राइवेट पार्ट में लोहे की रॉड डालकर उसे बुरी तरह क्षतिग्रस्त किया. उसके बाद भी उन हैवानों को शांति नहीं मिली और उन्होंने मर चुकी महिला की लाश फेंकने से पहले उसके प्राइवेट पार्ट में कपड़ा ठूंस दिया. हैरानी की बात यह रही कि आसपास के लोगों ने उसकी चीखें तक नहीं सुनीं, जबकि धर्मस्थल गांव के नजदीक है. वहीं कुछ दूरी पर लोगों के घर बने हुए हैं. उन्हें महिला की चीखें सुनाई देना तो दूर उसके कुएं में गिरने के बारे में तक में नहीं सुना.
महिला की निर्मम हत्या की खबर फैलने के बाद पुलिस की लापरवाही ने भी सभी को चौका कर रख दिया है. दरअसल, दुष्कर्म होने के बाद महिला की लाश उसके घर के बाहर 17 घंटे से ज्यादा देर तक पड़ी रही लेकिन पुलिस परिजनों को गुमराह कर थाने के चक्कर कटवाती रही. उसके बाद जब गांववालों का जबरदस्त गुस्सा फूटा तब पुलिस एक्शन में आई और महंत सत्यनारायण, चेला वेदराम व ड्राइवर जसपाल के खिलाफ गैंगरेप के बाद हत्या की धाराओं में केस दर्ज किया. लेकिन पुलिस की लापरवाही यहीं खत्म नहीं हुई, और उन्होंने 4 जनवरी को केस दर्ज करने के बाद भी महिला के शव का पोस्टमॉर्टम नहीं कराया और जब इस बात पर सभी गांव वालों ने हंगामा काटा तो, शव का पोस्टमॉर्टम के लिए 5 जनवरी को भेजा गया, तब तक घटना के करीब 48 घंटे बीत चुके थे.
बता दें कि, यह घटना तब हुई जब 3 जनवरी की शाम 50 साल की आंगनबाड़ी सहायिका मंदिर में पूजा करने पहुंची, इस दौरान मंदिर पर मौजूद महंत सत्यनारायण और उसका चेला वेदराम व ड्राइवर जसपाल ने महिला के साथ गैंगरेप किया और हैवानियत भरी वारदात को अंजाम दिया. उसके बाद सत्यनारायण के दोनो चेले 3 जनवरी की रात अपनी गाड़ी से आंगनबाड़ी सहायिका की खून से लथपथ लाश को उसके घर के बाहर फेंक कर भाग गए.
फिलहाल, पुलिस ने इस मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. साथी ही एसएसपी संकल्प शर्मा ने लापरवाह थानाध्यक्ष राघवेंद्र प्रताप को निलंबित किया है. जबकि 2 आरोपी अभी फरार है, जिनकी तलाश जारी है.
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