Swara Bhaskar Wedding: महंत राजू दास के बिगड़े बोल, कहा – ‘स्वरा भास्कर को हलाला के लिए तैयार रहना चाहिए’

नई दिल्ली। इस समय बॉलीवुड एक्ट्रेस स्वरा भास्कर की शादी सभी के बीच चर्चा का विषय बनी हुई है। अब महंत राजू दास ने स्वरा भास्कर की शादी पर विवादित बयान दिया है, उन्होंने कहा है कि राखी सांवत का उदाहरण सबके सामने है। अब स्वरा भास्कर को भी हलाला के लिए तैयार रहना चाहिए। […]

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Swara Bhaskar Wedding: महंत राजू दास के बिगड़े बोल, कहा – ‘स्वरा भास्कर को हलाला के लिए तैयार रहना चाहिए’

SAURABH CHATURVEDI

  • February 23, 2023 10:35 am Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली। इस समय बॉलीवुड एक्ट्रेस स्वरा भास्कर की शादी सभी के बीच चर्चा का विषय बनी हुई है। अब महंत राजू दास ने स्वरा भास्कर की शादी पर विवादित बयान दिया है, उन्होंने कहा है कि राखी सांवत का उदाहरण सबके सामने है। अब स्वरा भास्कर को भी हलाला के लिए तैयार रहना चाहिए।

स्वरा भास्कर और फहाद अहमद की हुई थी शादी

बता दें कि बॉलीवुड अभीनेत्री स्वरा भास्कर ने हाल ही में समाजवादी पार्टी के नेता फहाद अहमद से शादी कर ली है। इन दोनों की शादी लगातार चर्चा का विषय बनी हुई है। वहीं अब अयोध्या हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास भी इस शादी पर टिप्पणी किए हैं। उन्होंने अभिनेत्री स्वरा भास्कर और समाजवादी पार्टी के नेता फहाद अहमद की शादी पर विवादिया बयान दिया है। राजू दास ने कहा है कि अगर स्वरा भास्कर को हजारों मर्दों के साथ रात बितानी हो तो उनको ये शादी मुबारक हो।

विवादित ट्वीट पर राजू दास ने ये कहा

हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ने अभिनेत्री की शादी के बारे में आगे बोलते हुए कहा कि, “स्वरा भास्कर ने उस कौम में शादी की, जो कि अपनी बहनों से ही शादी कर लेते हैं। फिर उसके बाद महिलाओं को तलाक, तलाक, तलाक कहकर कई मर्दों के साथ रात बिताने पर मजबूर करते हैं।” उन्होंने आगे कहा कि “अभिनेत्री 10 दिन पहले ही ट्वीट करके जिस लड़के को कहती हैं कि भाई किसी अच्छी लड़की से शादी कर लो। दस दिन बाद वो उसी लड़के से शादी कर लेती हैं।”

हलाला जैसी कुरीती को खत्म करना चाहिए

हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ने आगे कहा कि, स्वरा भास्कर एक नारी शक्ति हैं और एक सशक्त महिला भी हैं, उन्हें उस कौम में शादी नहीं करनी चाहिए थी। मै किसी भी महिला या धर्म का अपमान नहीं करना चाहता, लेकिन हिंदू धर्म में सती प्रथा की कुरीति को समाप्त किया गया। ठीक इसी तरह इस्लाम में भी हलाला जैसी कुरीती को समाप्त करना चाहिए। आप हलाला की पीड़ा उस महिला से पूछिए जिसको अपने भाई, पिता और गुरु के साथ बिस्तर गर्म करना पड़ता है। ऐसी संस्कृति को भाड़ में चली जानी चाहिए।

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