नई दिल्ली। मौलाना महमूद मदनी ने मौलाना अरशद मदनी से पहले शनिवार यानी 11 फरवरी को दावा किया था कि, इस्लाम दुनिया का सबसे पुराना धर्म है और इस धर्म की पैदाइश भारत में हुई है। मौलाना के बेतुके बयान के बाद मंच पर बवाल राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के रामलीला मैदान में जमीयत उलेमा-ए-हिंद के […]
नई दिल्ली। मौलाना महमूद मदनी ने मौलाना अरशद मदनी से पहले शनिवार यानी 11 फरवरी को दावा किया था कि, इस्लाम दुनिया का सबसे पुराना धर्म है और इस धर्म की पैदाइश भारत में हुई है।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के रामलीला मैदान में जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अधिवेशन में मौलाना अरशद मदनी के एक बयान के बाद मंच पर बवाल हो गया। यहां पर उन्होंने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को लेकर जहर उगला। मौलाना ने मंच से कहा कि, हमारे मजहब में दखल क्यों दिया जाता है। हमारा सबसे पहला नबी मनु यानी आदम है। मदनी ने आगे कहा कि तुम्हारा पूर्वज हिंदू नहीं था बल्कि वो मनु यानी आदम था। इस बेतुके बयान के बाद मंच पर बवाल मच गया।
बता दें कि यहां पर जमीयत उलेमा-ए-हिंद का 34वां अधिवेशन चल रहा था। यहां पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को लेकर आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया गया। मौलाना ने कहा कि अल्लाह ने इसी धरती पर मनु यानी आदमी को उतारा है, जिसकी पत्नी हव्वा है। जिसको तुम लोग हेमवती कहते हो। यही लोग हिंदू, मुस्लिम, सिख ईसाई सबके पूर्वज हैं। मदनी के इस बयान पर जैन गुरु लोकेश मुनि ने तुरंत स्टेज पर खड़े होकर विरोध जाहिर किया। वहीं आपत्तिजनक बयान से नाराज होकर कई लोगों ने तुरंत मंच को छोड़ दिया।
मौलाना मदनी ने मंच से आगे कहा कि जब न तो श्री राम थे और न ही शिव थे तो मनु किसको पूजते थे? कई लोग कहते हैं कि जैन शिव को पूजते थे और कई लोगों ने कहा कि ओम को पूजते थे, हवा को पूजते थे, जो कि हर जगह है। हम इसी को तो अल्लाह कहते हैं। मदनी ने आगे कहा कि हर जगह की मिट्टी को लेकर अल्लाह ने मनु की औलाद को बनाया।