लखनऊ। जाति जनगणना की काट ढूंढने में जुटी बीजेपी पिछड़े वर्ग को साधने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है। इसका असर योगी सरकार के बहुप्रतीक्षित मंत्रिमंडल विस्तार में भी देखने को मिल सकता है। यह मंत्रीमंडल विस्तार दिवाली से पहले होने की संभावना है। क्योंकि बीजेपी में इस पर सैद्धांतिक सहमति बन गई है। […]
लखनऊ। जाति जनगणना की काट ढूंढने में जुटी बीजेपी पिछड़े वर्ग को साधने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है। इसका असर योगी सरकार के बहुप्रतीक्षित मंत्रिमंडल विस्तार में भी देखने को मिल सकता है। यह मंत्रीमंडल विस्तार दिवाली से पहले होने की संभावना है। क्योंकि बीजेपी में इस पर सैद्धांतिक सहमति बन गई है।
मंत्रिमंडल विस्तार में सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर और घोसी से उपचुनाव हारे पूर्व मंत्री दारा सिंह चौहान को जगह मिलना लगभग तय माना जा रहा है। इनके अलावा एक दो नए चेहरों को भी मंत्रीमंडल में जगह मिल सकती है, जो की दारा सिंह और ओमप्रकाश की तरह पिछड़े वर्ग से आएंगे। गौरतलब है कि इस साल जुलाई में सुभासपा के एनडीए में और समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक दारा सिंह चौहान के भाजपा में शामिल होने के बाद से मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा हो रही है।
खबरों के मुताबिक, अब तक मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर पार्टी में सैद्धांतिक सहमति नहीं बन गई थी। लेकिन विपक्षी दलों की तरफ से जाति जनगणना के मुद्दे को हवा देने के बाद बीजेपी नेतृत्व पिछड़े वोट बैंक को लेकर चिंतित है। पिछले सप्ताह मुख्यमंत्री योगी की गृहमंत्री अमित शाह और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से हुई मुलाकात में राजभर और नोनिया समाज को साधने के लिए दारा सिंह को मंत्री बनाने पर चर्चा हुई है। बता दें कि इसी तरह आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए जातीय समीकरण साधने के लिए एक-दो और मंत्री बनाए जाने पर सहमति बनी है। इससे पहले ओमप्रकाश राजभर सात नवंबर तक मंत्रिमंडल विस्तार की बात कह चुके हैं।