मुंबई: एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या के मामले में पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिन्हें रविवार को एस्प्लेनेड कोर्ट में पेश किया गया। गिरफ्तार आरोपियों में एक की पहचान गुरमेल सिंह और दूसरे की धर्मराज कश्यप के रूप में हुई है। वहीं तीसरे आरोपी शिवा गौतम और चौथे की तलाश अभी […]
मुंबई: एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या के मामले में पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिन्हें रविवार को एस्प्लेनेड कोर्ट में पेश किया गया। गिरफ्तार आरोपियों में एक की पहचान गुरमेल सिंह और दूसरे की धर्मराज कश्यप के रूप में हुई है। वहीं तीसरे आरोपी शिवा गौतम और चौथे की तलाश अभी जारी है। कोर्ट में पेशी से पहले दोनों आरोपियों का मेडिकल परीक्षण गोकुलदास तेजपाल अस्पताल में कराया गया। पुलिस के अनुसार, गुरमेल सिंह हरियाणा और धर्मराज कश्यप उत्तर प्रदेश का रहने वाला है। धर्मराज ने खुद को नाबालिग बताया है, जबकि आधार कार्ड में उसकी उम्र 21 वर्ष दर्ज है।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इस मामले में कहा कि आरोपियों पर फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमा चलाया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि दोषियों को सख्त सजा दी जाएगी और वह उनके लिए फांसी की मांग करेंगे। वहीं शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बाबा सिद्दीकी की हत्या के आरोपियों की गिरफ्तारी और बलात्कार के आरोपी अक्षय शिंदे का एनकाउंटर, दोनों ही मामलों में सरकार पर संदेह जताया जा रहा है, जो ठीक नहीं है। उन्होंने महाराष्ट्र सरकार पर अपराधियों की गतिविधियों पर नजर न रखने का आरोप भी लगाया।
कांग्रेस नेता हरीश रावत ने बाबा सिद्दीकी की हत्या को दुखद बताया और कहा कि सिद्दीकी लंबे समय से राजनीतिक कारणों से निशाने पर थे। उन्होंने मामले की गहन जांच और दोषियों के पर्दाफाश की मांग की। बता दें AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने महाराष्ट्र की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए इसे “जंगलराज” करार दिया है। उन्होंने कहा कि मुंबई जैसे महत्वपूर्ण शहर में ऐसी घटनाएं सरकार की नाकामी को दर्शाती हैं। ओवैसी ने यह भी आरोप लगाया कि बाबा सिद्दीकी को धमकियां मिलने के बावजूद उचित सुरक्षा नहीं दी गई थी।
शिवसेना (UBT) नेता आनंद दुबे ने सरकार की विफलता का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री और गृह मंत्री से इस्तीफा मांगा है। वहीं उन्होंने महाराष्ट्र में कानून व्यवस्था को ध्वस्त बताते हुए सरकार को बर्खास्त करने की मांग की। इसके अलावा कांग्रेस नेता नाना पटोले और पृथ्वीराज चव्हाण ने भी कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए और उचित सुरक्षा प्रदान न करने पर सरकार की आलोचना की।
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