नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने अयोध्या के विकास को लेकर दो हफ्ते पहले एक भव्य योजना पेश की गई थी। इसमें इसमें AMRUT और SMART शहर के आधुनिक पहलुओं और ऐतिहासिक मिश्रण के साथ अयोध्या की महिमा की दोबारा स्थापित करने की कल्पना की गई है। इसमें एक ऐसे शहर की कल्पना की गई है जो टिकाऊ, आधुनिक और प्रकृति के नियमों का पालन करेगा। इस दौरान शहर के कई घाटों, झीलों समेत कई स्थलों का विकास किया जाएगा।
बड़े प्रोजेक्ट्स में ‘मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा’ और विश्व स्तरीय रेल्वे स्टेशन का विकास करना है, ताकि अयोध्या आने वाले तीर्थयात्रियों की सुविधा को सुनिश्चित किया जा सके। प्रेजेंटेशन में कहा गया है कि अयोध्या पहुंचने वाली कई सड़कों को 4 और 6 लेन में बदला जाएगा और अयोध्या में एंट्री के 6 बड़े रास्तों पर राम मंदिर से प्रेरित बड़े दरवाजे यात्रियों का स्वागत करेंगे। NHAI भी 65 लंबी रिंग रोड की शुरुआत जल्द करेगा।
उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से दी गई प्रेजेंटेशन के अनुसार, ‘अयोध्या को सनातन परंपराओं के हिसाब से विश्व मंच पर प्रमुख आध्यात्मिक, धार्मिक और पर्यटक शहर बनाने का सपना है। एक आत्मनिर्भर आधुनिक पर्यटन स्थल, जो प्रदूषण से मुक्त हो, गंदगी ना हो और स्वस्थ मिट्टी, पानी हवा के साथ जल से भरपूर हो।
पीएम मोदी के सामने रखे गए इस प्लान में पीपीपी मोड में ‘रामायण आध्यात्मिक वन’ शामिल है, जिसके जरिए भगवान राम के 14 साल के वनवास की कहानियों को दिखाया जाएगा। साथ ही आयोध्या के आसपास 65 किलोमीटर लंबे रिंग रोड और दिल्ली के चाणक्यपुरी की तर्ज पर 1200 एकड़ में राज्य और विदेशी भवनों के साथ एक वैदिक टाउनशिप जैसी बड़ी योजनाओं का भी जिक्र है।
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