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भतीजे आकाश की लोकप्रियता देखकर डर गईं बुआ मायावती, बसपा में बवंडर की असली 3 वजह तो ये है!

मायावती ने भतीजे आकाश आनंद को न सिर्फ अपना उत्तराधिकारी बल्कि पार्टी के नेशनल कोऑर्डिनेटर पद से हटाकर सबको चौंका दिए।अब सवाल उठ रहे हैं कि महीने में ऐसा क्या हो गया जो मायावती ने अपना फैसला बदल दिया।

Mayawati
inkhbar News
  • March 3, 2025 10:23 am Asia/KolkataIST, Updated 2 months ago

लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने भतीजे आकाश आनंद को न सिर्फ अपना उत्तराधिकारी बल्कि पार्टी के नेशनल कोऑर्डिनेटर पद से हटाकर सबको चौंका दिए। इससे पहले 12 फरवरी को मायावती ने आकाश के ससुर जो दक्षिणी राज्यों के प्रभारी रहे हैं डॉ. अशोक सिद्धार्थ को पार्टी से निष्कासित कर दिया था। मायावती का कहना था कि डॉ. अशोक सिद्धार्थ पार्टी में रहकर गुटबाजी कर रहे थे।

मायावती ने क्यों उठाया इतना बड़ा कदम

ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि मायावती ने अपने भतीजे के पर क़तर दिए हो। इससे पहले लोकसभा चुनाव के दौरान भी वो आकाश को हटा चुकी हैं। हालांकि 43 दिन बाद उन्हें फिर से वापस ले आईं थीं और अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया था। अब सवाल उठ रहे हैं कि महीने में ऐसा क्या हो गया जो मायावती ने अपना फैसला बदल दिया। बसपा के करीबी रहे कई सीनियर नेताओं ने इस मामले में अपनी-अपनी राय दी है, उससे 3 बातें निकल कर सामने आ रही है। आइये जानते हैं—

दलित युवाओं में लोकप्रिय हो रहे आकाश

बसपा में अपने होते हुए मायावती ने किसी अन्य नेता को खुद से आगे नहीं होने दिया। संस्थापक कांशीराम के बाद उन्होंने हमेशा एकतरफ़ा फैसला लिया है। कई बड़े नेताओं स्वामी प्रसाद मौर्य, ब्रजेश पाठक, लालजी वर्मा, बाबू सिंह कुशवाहा, नसीमुद्दीन सिद्दीकी को पार्टी से निकालने में देर नहीं लगाई। अब जब आकाश दलित समाज को प्रभावित कर रहे थे तो मायावती को ये नागवार गुजरी। उन्हें सिर्फ वहीं नेता अच्छे लगते हैं, जो जी-हुजूरी करें।

आकाश के ससुर को हटाने से परिवार में कलह

मायावती ने कहा कि आकाश के ससुर अशोक सिद्धार्थ उत्तर प्रदेश व अन्य राज्यों में पार्टी को दो गुटों में बांटकर गुटबाजी कर रहे थे। उन्होंने इसे ‘अति घिनौना कार्य’ बताया। अशोक निष्काषित होने के बाद से अपनी बेटी के द्वारा आकाश को प्रभावित करने में लगे हुए थे। आकाश के पॉलिटिकल करियर को खराब करने में वो उनके ससुर को दोषी मानती हैं।

मायावती पर डाला जा रहा दबाव

राजनीतिक जानकारी रखने वाले लोगों का ये भी कहना है कि मायावती पिछले कुछ साल से जिस तरह से निर्णय ले रही हैं, वह समर्थकों को भी हैरान कर रहा। मायावती वैसे तो मुखर नेता रही हैं लेकिन पिछले कुछ समय से भाजपा पर सीधा हमला करने से रुक रही जबकि कांग्रेस और सपा पर तेज निशाना साधती हैं। लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान आकाश ने जैसे ही भाजपा पर हमला करना शुरू कर दिया, उन्होंने चुप करा दिया।

 

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