सरपंच शरद अरगडे ने कहा कि गांव में बातचीत के दौरान अक्सर महिलाएं अपशब्दों का निशाना बनती थीं। कई लोग यह भूल जाते थे कि उनके घरों में भी माताएं और बहनें हैं। इस स्थिति को बदलने और महिलाओं को हर हाल में सम्मान देने के लिए यह कदम उठाया गया।
मुंबई: महाराष्ट्र के सौंदाला गांव ने समाज में महिलाओं के सम्मान और गरिमा को बढ़ाने के लिए एक अहम कदम उठाया है। गांववालों ने फैसला लिया है कि बातचीत के दौरान कोई भी महिलाओं के लिए अपशब्दों का इस्तेमाल नहीं करेगा। अगर कोई ऐसा करता है, तो उस पर 500 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।
गांव के सरपंच शरद अरगडे ने जानकारी दी कि गुरुवार को ग्राम सभा के दौरान यह प्रस्ताव पेश किया गया था। प्रस्ताव का उद्देश्य था कि महिलाओं के सम्मान को सुरक्षित रखने के लिए अपशब्दों के इस्तेमाल को रोका जाए। इस प्रस्ताव पर चर्चा के बाद सभी गांववालों ने अपनी मंजूरी दे दी.
सरपंच शरद अरगडे ने कहा कि गांव में बातचीत के दौरान अक्सर महिलाएं अपशब्दों का निशाना बनती थीं। कई लोग यह भूल जाते थे कि उनके घरों में भी माताएं और बहनें हैं। इस स्थिति को बदलने और महिलाओं को हर हाल में सम्मान देने के लिए यह कदम उठाया गया। यह नियम हर किसी पर लागू होगा, चाहे कोई अपने घर की महिला को ही अपशब्द कह रहा हो, उससे भी जुर्माना वसूला जाएगा।
बता दें सौंदाला गांव, जो मुंबई से लगभग 300 किलोमीटर दूर है, सामाजिक सुधारों के लिए पहले भी सराहा जा चुका है। वर्ष 2007 में इसे विवाद-मुक्त गांव का राज्यस्तरीय पुरस्कार भी मिला था। यहां पति की मृत्यु के बाद महिलाओं के सिंदूर हटाने, मंगलसूत्र उतारने और चूड़ियां तोड़ने जैसी प्रथाओं पर प्रतिबंध है। इसके साथ ही 2011 की जनगणना के अनुसार, गांव की आबादी लगभग 1,800 है। सरपंच का मानना है कि ग्राम सभा का यह निर्णय महिलाओं को सम्मान और सुरक्षा प्रदान करेगा।
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