भुवनेश्वर: 2 जून की शाम ओडिशा के बालासोर में हुए दर्दनाक रेल हादसे में 250 से अधिक लोग जान गवा चुके हैं. बालासोर हादसे में हजारों लोग गंभीर रूप से घायल भी हुए हैं जिनका अलग-अलग अस्पतालों में इलाज चल रहा है. इस पूरे हादसे पर सियासत तो पहले से गरमाई हुई थी अब इसे […]
भुवनेश्वर: 2 जून की शाम ओडिशा के बालासोर में हुए दर्दनाक रेल हादसे में 250 से अधिक लोग जान गवा चुके हैं. बालासोर हादसे में हजारों लोग गंभीर रूप से घायल भी हुए हैं जिनका अलग-अलग अस्पतालों में इलाज चल रहा है. इस पूरे हादसे पर सियासत तो पहले से गरमाई हुई थी अब इसे सांप्रदायिक रंग दिया जा रहा है. जिसपर ओडिशा पुलिस की प्रतिक्रिया भी सामने आई है.
It has come to notice that some social media handles are mischievously giving communal colour to the tragic train accident at Balasore. This is highly unfortunate.
Investigation by the GRP, Odisha into the cause and all other aspects of the accident is going on.
— Odisha Police (@odisha_police) June 4, 2023
दरअसल सोशल मीडिया पर कुछ लोग इस पूरे हादसे को सांप्रदायिक मोड़ देने की कोशिश कर रहे थे जिसे पहले ही समय रहते रोक दिया गया है. इसी कर्म में अब ओडिशा पुलिस ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से एक बयान जारी किया है. ओडिशा पुलिस ने ट्वीट कर लिखा है कि ‘यह देखने में आया है कि कुछ सोशल मीडिया हैंडल शरारती तरीके से बालासोर में हुए दर्दनाक ट्रेन हादसे को सांप्रदायिक रंग दे रहे हैं. यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है.’
दुर्घटना के कारणों और अन्य सभी पहलुओं की जीआरपी, ओडिशा द्वारा जांच की जा रही है. सभी लोगों से हम अपील करते हैं कि वे इस तरह के झूठे और दुर्भावनापूर्ण पोस्ट को प्रसारित करने से बचें. इसके अलावा राज्य पुलिस ने चेतावनी दी है कि अफवाह फैलाकर साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
रेल मंत्रालय की सदस्य जया वर्मा ने मीडिया को बताया कि हादसे के बाद सबसे पहले रिलीज फॉर रेस्क्यू किया गया जो अब पूरा हो चुका है. अब रीस्टोरेशन प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. उन्होंने आगे बताया कि बालासोर जिले में बहनगा बाजार रेलवे स्टेशन है जहां ये हादसा 2 जून, शुक्रवार शाम 6:55 बजे हुआ और कोरोमंडल एक्सप्रेस दुर्घटनाग्रस्त हो गई. उन्होंने बताया कि स्टेशन पर जो दो गाड़ियां खड़ी थीं वह भी इस हादसे की चपेट में आ गईं. दो मेल एक्सप्रेस गाड़ियों को उस समय स्टेशन से अलग-अलग दिशाओं से गुजरना था. स्टेशन पर दो मेन लाइन हैं जहां बिना रुके ट्रेनें आया जाया करती हैं इसे ही लूप लाइन कहा जाता है जहां गाड़ियां रोकी जाती हैं.