प्रयागराज: हर रोज उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में हुए बहुचर्चित हत्याकांड में नया खुलासा हो रहा है. जहां अब पुलिस ने खुलासा किया है कि माफिया अतीक अहमद साल 2019 से ही उमेश पाल की हत्या को अंजाम देने का प्लान बना रहा था. उस दौरान वह देवरिया की जेल में बंद था और उमेश […]
प्रयागराज: हर रोज उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में हुए बहुचर्चित हत्याकांड में नया खुलासा हो रहा है. जहां अब पुलिस ने खुलासा किया है कि माफिया अतीक अहमद साल 2019 से ही उमेश पाल की हत्या को अंजाम देने का प्लान बना रहा था. उस दौरान वह देवरिया की जेल में बंद था और उमेश की हत्या करने की प्लानिंग कर रहा था.
2019 की FIR कॉपी सामने आने के बाद इस बात का खुलासा हुआ है. बता दें, ये प्राथमिकी जैद खालिद के अपहरण पर दर्ज़ करवाई गई थी. FIR में कहा गया है कि उमेश पल की हत्या करने की बात अतीक ने 8 जनवरी 2019 को कही थी. बता दें, 24 फरवरी को धूमनगंज के सुलेम सराय में उमेश पाल हत्याकांड को अंजाम दिया गया था. इस वारदात में दो सरकारी गनर्स की भी जान चली गई थी जो उमेश पाल की सुरक्षा में तैनात थे. बता दें, उमेश पाल साल 2005 में हुए बसपा नेता राजू पाल के हत्याकांड के मुख्य गवाह थे. इस हत्याकांड का भी शक माफिया अतीक अहमद पर ही है जिसे अब उमेश पाल हत्याकांड का मुख्य आरोपी करार दिया गया है.
24 फरवरी को प्रयागराज में हुए उमेश पाल हत्यकांड को लेकर अब नई सीसीटीवी फुटेज सामने आई है जिसमें राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल की हत्या का खौफनाक नज़ारा साफ़-साफ़ दिखाई दे रहा है. 24 फरवरी और समय- दोपहर के 4 बजकर 55 मिनट पर ये पूरी वारदात हुई थी जिसमें उमेश पाल की सुरक्षा में तैनात दो सरकारी गनर भी मारे गए थे. 50 सेकंड में अंधाधुंध फायरिंग के साथ बदमाशों ने बमबाजी को भी अंजाम दिया. वीडियो में अब हर एंगल से यह पूरी वारदात नज़र आ रही है.
वीडियो में 24 फरवरी को हुई हत्याकांड का चश्मदीद भी दिखाई दे रहा है. ये पूरा सीसीटीवी फुटेज किसी फिल्म जैसा लगता है जसिमें शूटआउट के दौरान बेख़ौफ़ गुंडे दिनदहाड़े अंधेरगर्दी मचा रहे हैं. 50 सेकंड के भीतर हुए इस हत्याकांड से ये तो साफ़ हो गया है कि इन शूटरों को पहले से ही कानून का कोई खौफ नहीं था. वीडियो में दिखाई दे रहा है कि कैसे गाड़ी से उतारते ही फायरिंग शुरू हो गई है. उमेश पाल और उनके दोनों गनर्स के उतारते ही कैमरा नंबर-3 में हलचल शुरू हो जाती है फायरिंग के दौरान कैमरा नंबर 2 में साफ़ है कि कैसे गनर उमेश पाल को बचाने की कोशिश कर रहे हैं. इस बीच एक गनर जमीन पर गिर जाता है और बमबाज बम चलाने लगता है.
कारगिल युद्ध के साजिशकर्ता थे मुशर्रफ, 1965 में भारत के खिलाफ लड़े थे युद्ध
Parvez Musharraf: जानिए क्या है मुशर्रफ-धोनी कनेक्शन, लोग क्यों करते हैं याद