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Assam: बहुविवाह पर रोक लगाने के लिए कानून लाएगी असम सरकार

गुवाहाटी: असम सरकार राज्य अधिनियम के तहत बहुविवाह रोकने के लिए नया कानून लगाने की तैयारी में है. जहां असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा है कि वह राज्य में चल रहे बहुविवाह पर प्रतिबंध लगाना चाहते हैं. सरमा ने कहा है कि ये बदलाव समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के माध्यम से नहीं […]

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Assam: बहुविवाह पर रोक लगाने के लिए कानून लाएगी असम सरकार
  • May 9, 2023 6:16 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

गुवाहाटी: असम सरकार राज्य अधिनियम के तहत बहुविवाह रोकने के लिए नया कानून लगाने की तैयारी में है. जहां असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा है कि वह राज्य में चल रहे बहुविवाह पर प्रतिबंध लगाना चाहते हैं. सरमा ने कहा है कि ये बदलाव समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के माध्यम से नहीं बल्कि राज्य द्वारा कानून बनाकर किया जाएगा. इस विषय पर असम सरकार विचार करने के लिए एक विशेष समिति बनाने का फैसला किया है.

बनाई जाएगी समिति

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने आगे बताया कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 25 के साथ ये समिति मुस्लिम पर्सनल लॉ (शरीयत) अधिनियम, 1937 के प्रावधानों की भी जांच करेगी. ये समिति एक सुविचारित निर्णय तक पहुंचने के लिए कानूनी विशेषज्ञों समेत हितधारकों के साथ व्यापक विचार-विमर्श भी करेगी.

यूनिफॉर्म सिविल कोड पर दिया बयान

गौरतलब है कि पिछले कुछ समय से असम सरकार ने बहुविवाह और बालविवाह के प्रति कठोर रुख अपना लिया है. यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर भी मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा काफी मुखर रहे हैं. उन्होंने यूनिफॉर्म सिविल कोड को देश के लिए बेहद जरूरी बताया है. हाल ही में जब कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार करने सीएम हिमंत बिस्वा सरमा पहुंचे तो उन्होंने इस मुद्दे को उठाया था. उन्होंने कहा कि हमें अभी देश में यूनिफॉर्म सिविल कोड भी बनाना है. जहां मुस्लिम समाज में एक-एक व्यक्ति चार बार शादी करता है हमें इसे लेकर यूनिफॉर्म सिविल कोड लाना है. सीएम सरमा ने आगे कहा था कि हमें मुस्लिम बेटियों को डॉक्टर, इंजीनियर बनाना है, बच्चा पैदा करने की मशीन नहीं बनाना है।

 

दूसरी ओर असम में बाल विवाह के खिलाफ भी बड़े स्तर पर अभियान जारी है. बाल विवाह के खिलाफ जारी अभियान को लेकर भी सीएम सरमा ने बताया था कि पुलिस की तरफ से बाल विवाह के खिलाफ अभियान शुरू किया गया है. ये अभियान साल 2026 के विधानसभा चुनाव तक जारी रहेगा. बता दें, इस अभियान के तहत जिन महिलाओं की शादी नाबालिग रहते करवा दी गई थी उनके पति के खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज़ कर उन्हें गिरफ्तार किया जा रहा है.

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