नई दिल्ली: हांगझाऊ एशियन गेम्स में भारत ने रिकॉर्डतोड़ प्रदर्शन कर सौ के आंकड़े से भी अधिक मेडल्स से झोली भरकर ऐतिहासिक ऊंचाई छू लिया। भारतीय खिलाड़ियों ने देश को सोने की चमक भी खूब दिखाई। 7 अक्टूबर को भारत के खाते में 5 गोल्ड मेडल आए जिनमें दो कबड्डी, एक तीरंदाजी, एक क्रिकेट और […]
नई दिल्ली: हांगझाऊ एशियन गेम्स में भारत ने रिकॉर्डतोड़ प्रदर्शन कर सौ के आंकड़े से भी अधिक मेडल्स से झोली भरकर ऐतिहासिक ऊंचाई छू लिया। भारतीय खिलाड़ियों ने देश को सोने की चमक भी खूब दिखाई। 7 अक्टूबर को भारत के खाते में 5 गोल्ड मेडल आए जिनमें दो कबड्डी, एक तीरंदाजी, एक क्रिकेट और एक बैडमिंटन में था। भारत को महिला कबड्डी टीम ने ऐतिहासिक 100वां मेडल जीतकर दिलाया है। इस तरह भारत ने एशियन गेम्स में 107 मेडल के साथ अपने अभियान को विराम दिया है।
भारतीय पुरुष कबड्डी टीम ने विवादास्पद फाइनल में खिलाड़ियों, अंपायर और टीम अधिकारियों के बीच करीब एक घंटे की बहस के बाद गत चैंपियन ईरान को 33-29 से हराकर एशियन गेम्स का खिताब दोबारा हासिल अपने नाम किया। मैच के आखिरी मिनटों में अंकों को लेकर हुए विवाद को देखते हुए इसे अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया था। इससे पहले नाटकीय फाइनल में भारतीय महिला टीम ने चीनी ताइपे को 26-25 से हराकर100वां पदक जीता।
वहीं पुरुषों के फाइनल में जब एक मिनट और पांच सेकंड का समय बचा था तब दोनों टीमों का स्कोर 28-28 से बराबर था, लेकिन इस फाइनल में आखिरी मिनट में विवाद तब खड़ा हो गया जब भारतीय कप्तान पवन सहरावत ने करो या मरो पर उतरे। सहरावत किसी खिलाड़ी को बिना छुए लॉबी में सीमा से बाहर चले गए। इस दौरान ईरान के अमीरहोसैन बस्तामी उन्हें बाहर धकेलने की कोशिश की जिसके बाद अंक को लेकर विवाद शुरू हो गया।
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