नई दिल्ली: ऐतिहासिक भोजशाला सर्वे रिपोर्ट की आज इंदौर हाई कोर्ट में पेशी होने वाली है. सर्वे में 1700 से अधिक पुरावशेष मिले थे जिसमें 37 देवी-देवताओं की मूर्तियां थी.
मध्य प्रदेश के धार में स्थित ऐतिहासिक भोजशाला की सर्वे रिपोर्ट आज हाई कोर्ट की इंदौर बेंच के सामने पेश की जाएगी. एएसआई अपनी रिपोर्ट तैयार कर चुका है. भोजशाला का सच जानने के लिए रिपोर्ट पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं. इस मामले की अगली सुनवाई 22 जुलाई को होने वाली है
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को 11 मार्च को इंदौर हाई कोर्ट से भोजशाला का सर्वे करने की मंजूरी मिली थी. जिसके बाद एएसआई ने 500 मीटर के दायरे में यह सर्वे सावधानी पूर्वक किया था. इस सर्वे को खत्म करने में 98 दिनों का समय लगा था. यह सर्वे 22 मार्च से लेकर 27 जून तक चला था, सर्वे के दौरान फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी भी हुई थी. सर्वे को और प्रामाणिक करने के लिए जीपीआर और जीपीएस की भी मदद ली गई थी.
एएसआई को सर्वे रिपोर्ट कोर्ट में 4 जुलाई को पेश करनी थी मगर रिपोर्ट पूरी तैयार नहीं हो पाई थी. इसके बाद एएसआई के अनुरोध पर हाई कोर्ट ने टीम को और 10 दिन दिए थे. हालांकि, ये समय कल यानी 14 जुलाई को पूरा हो चुका है लेकिन रविवार होने की वजह से आज रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी.
इस सर्वे को एएसआई महानिदेशक डा.आलोक त्रिपाठी के निरीक्षण में किया गया था, सर्वे के दौरान 1700 से ज्यादा पुरावेष मिले थे. इन्हीं में से देवी-देवताओं की 37 मूर्तियां भी पाई गई थी.
इन मूर्तियों में सबसे खास है मां वाग्देवी की खंडित मूर्ति, कहा जा रहा है कि यह मूर्ति भोजशाला से लंदन ले जाई गई मूर्ति का ही स्वरूप है. यह मूर्ति आकार में छोटी है. खोदाई में मिली मूर्तियों में जैन समाज की भी मूर्तियां शामिल होने का दावा किया जा रहा है.
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