नई दिल्ली: सीएम अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. दिल्ली शराब नीति मामले में ईडी के तीन बार नोटिस देकर बुलाने पर भी दिल्ली सीएम केजरीवाल जांच एजेंसी के सामने पेश नहीं हुए हैं. आप नेताओं का कहना है कि मुख्यमंत्री केजरीवाल को गिरफ्तार किया जा सकता है. इस बीच प्रवर्तन निदेशालय ने […]
नई दिल्ली: सीएम अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. दिल्ली शराब नीति मामले में ईडी के तीन बार नोटिस देकर बुलाने पर भी दिल्ली सीएम केजरीवाल जांच एजेंसी के सामने पेश नहीं हुए हैं. आप नेताओं का कहना है कि मुख्यमंत्री केजरीवाल को गिरफ्तार किया जा सकता है. इस बीच प्रवर्तन निदेशालय ने सीएम केजरीवाल पर जो आरोप लगाए हैं उसकी जानकारी भी सामने आ गई है।
दिल्ली शराब नीति मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने 5 ऐसे बिंदुओं के बारे में बताया है जिनके आधार पर केजरीवाल से जांच एजेंसी पूछताछ करना चाहती है. इसमें सीएम केजरीवाल के घर पर शराब नीति मीटिंग से लेकर पार्टी को मिलने वाले पैसे तक का जिक्र किया गया है. इन सबके बीच इस बात का भी अब चर्चा शुरू हो गई है कि ईडी 4 जनवरी को दिल्ली मुख्यमंत्री को एक और नोटिस भेज सकती है. ऐसे में आइए 5 प्वाइंट्स में जानते हैं कि ईडी ने सीएम केजरीवाल पर क्या आरोप लगाए हैं।
1. प्रवर्तन निदेशालय की जांच में सामने आया है कि प्रोसीड ऑफ क्राइम के दौरान 338 करोड़ रुपये आम आदमी पार्टी (आप) तक पहुंचे हैं. आपको बता दें कि मनीष सिसोदिया की बेल पर सुनवाई के दौरान ईडी ने 338 करोड रुपये की मनी ट्रेल अदालत के सामने रखी थी. इसमें यह साबित हो रहा था कि शराब नीति के दौरान शराब माफिया से 338 करोड़ रुपये आप तक पहुंचा है और पार्टी के संरक्षक अरविंद केजरीवाल हैं इसलिए उनसे पूछताछ करना जरूरी है।
2. आबकारी मामले के आरोपी इंडोस्पिरिट के डायरेक्टर समीर महेंद्रू ने पूछताछ में प्रवर्तन निदेशालय को बताया कि सीएम केजरीवाल के बेहद करीबी विजय नायर ने उसकी मुलाकात फेस टाइम ऐप के माध्यम से दिल्ली मुख्यमंत्री से करवाई थी. इसमें सीएम केजरीवाल ने उससे बोला था कि विजय नायर उनका आदमी है और उसे विजय नायर पर भरोसा रखना चाहिए।
3. नई शराब नीति को लेकर मीटिंग सीएम केजरीवाल के घर पर भी हुई थी. इसमें कुछ प्रमुख नेता और लोग शामिल हुए थे. इस बात को भी आधार बनाकर केजरीवाल से ईडी पूछताछ करना चाहती है।
4. पूछताछ के दौरान मनीष सिसोदिया के तत्कालीन सचिव सी अरविंद ने बताया कि आबकारी नीति में 6% का मार्जिन प्रॉफिट था जिसे सीएम केजरीवाल की मंजूरी से ही 12% किया गया था यानी आबकारी नीति बनाने में मुख्यमंत्री केजरीवाल की भी भूमिका थी।
5. नई आबकारी नीति को लेकर जो कैबिनेट बैठक हुई थी, वह कैबिनेट बैठक सीएम द्वारा बुलाई जाती है. इस तरह से आबकारी नीति मामले के तार कहीं न कहीं सीधे तौर पर सीएम केजरीवाल से जुड़ रहे हैं।
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