नई दिल्ली : राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आज से शहीद ए आजम भगत सिंह आर्म्ड फोर्सेस प्रिपेटरी स्कूल की शुरुआत हो रही है. स्कूल से पहले बैच के जुड़ने पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, इस स्कूल का नाम शहीद भगत सिंह के नाम पर इसलिए रखा गया है क्योंकि 23 वर्ष की उम्र में […]
नई दिल्ली : राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आज से शहीद ए आजम भगत सिंह आर्म्ड फोर्सेस प्रिपेटरी स्कूल की शुरुआत हो रही है. स्कूल से पहले बैच के जुड़ने पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, इस स्कूल का नाम शहीद भगत सिंह के नाम पर इसलिए रखा गया है क्योंकि 23 वर्ष की उम्र में इस युवा ने देश के लिए अपनी जान दे दी थी. इस उम्र में आज कल लड़के अपनी गर्लफ्रेंड ढूंढ रहे होते हैं, लेकिन भगत सिंह ने अपनी जान देकर देश के लिए कुर्बान कर दी.
इस मौके पर सीएम केजरीवाल ने संबोधन दिया. सीएम ने स्कूल के पहले बैच को कहा, एक बात हमेशा याद रखना कि आपको इस स्कूल में जो शानदार सुविधाएं मिल रही हैं इस सुविधाओं में देश के गरीब से गरीब लोगों का योगदान है. उन्होंने इस प्रोजेक्ट पर बात करते हुए कहा, ‘करीब एक साल पहले ये सपना देखा गया था. जो अब पूरा हो रहा है.’ वह आगे कहते हैं, ‘कई बच्चे सेना में जाने का सपना तो देखते हैं, लेकिन इसका कोई फॉर्मल तरीका नहीं था, जिससे वो इसकी तैयारी करें. हमने ये बीड़ा उठाया और सोचा नहीं था कि, एक साल में ही इस सपने को साकार होता देख सकेंगे.’
The school is completely free, it's a residential school. There is a hostel for both boys & girls. It has the best facilities. Competition is tough, 18000 children applied & around 180 selected. They're working hard & they'll be prepared for uniformed services: Delhi CM Kejriwal pic.twitter.com/WLrI7NVLA3
— ANI (@ANI) August 27, 2022
बता दें, स्कूल में भर्ती पाने के लिए कॉम्पटीशन एग्ज़ाम करवाया गया था. जिसमें देश भर से 18000 बच्चों ने हिस्सा लिया था. जिनमें से चंद बच्चों को ही स्कूल में आने का मौका मिला है. चलिए जानते हैं विशेष आर्मी स्कूल में एडमिशन से जुड़ी बातों को.
-9वीं और 10वीं क्लास में बच्चों को एडमिशन दिया जाएगा
– इस आर्मी स्कूल में आगे की पढ़ाई के साथ ही आर्मी में जाने के लिए भी तैयार किया जाता है.
– सिलेबस में अन्य विषयों के साथ-साथ आर्मी से जुड़ी बातों को विशेष तौर पर बताया जाएगा।
– नियमित रूप से फिजिकल ट्रेनिंग।
– इस दौरान बच्चों से फीस नहीं ली जाएगी और उनकी पूरी शिक्षा फ्री में रहेगी
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