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बिहार में आने वाले है दूसरे अरविंद केजरिवाल, आज करेंगे अध्यक्ष का ऐलान, उमड़ेगा जनसैलाब!

पटना: प्रशांत किशोर चुनावी रणनीतिकार से नेता बनने की रास्ता पर हैं. वहीं 2 अक्टूबर को पटना में अपनी नई पार्टी की घोषणा करेंगे. पार्टी का नाम, नेता कौन होगा सब बता दिया जाएगा. पीके दो साल से बिहार में पदयात्रा कर लोगों से जुड़ रहे हैं. अब देखना यह है कि नई पार्टी का […]

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Second Arvind Kejriwal is coming to Bihar, will announce the president today, crowd will gather!
  • October 2, 2024 2:27 pm Asia/KolkataIST, Updated 3 months ago

पटना: प्रशांत किशोर चुनावी रणनीतिकार से नेता बनने की रास्ता पर हैं. वहीं 2 अक्टूबर को पटना में अपनी नई पार्टी की घोषणा करेंगे. पार्टी का नाम, नेता कौन होगा सब बता दिया जाएगा. पीके दो साल से बिहार में पदयात्रा कर लोगों से जुड़ रहे हैं. अब देखना यह है कि नई पार्टी का नाम क्या होता है और उसका चुनाव चिन्ह क्या होता है। बहरहाल, पीके ने इसे लेकर जबरदस्त सस्पेंस पैदा कर दिया है।

 

पार्टी की घोषणा करेंगे

 

चुनावी रणनीति बनाने वाले प्रशांत किशोर अब खुद राजनीति में उतरने जा रहे हैं. वह बुधवार यानी 2 अक्टूबर को पटना में एक कार्यक्रम में अपनी नई पार्टी की घोषणा करेंगे. प्रशांत किशोर पिछले दो साल से ‘जन सुराज अभियान’ के तहत बिहार में घूम रहे हैं, लोगों से मिल रहे हैं और उनकी बातें सुन रहे हैं. गांधी जयंती के मौके पर होने वाले इस कार्यक्रम में पार्टी का नाम क्या होगा, नेता कौन होगा, नेतृत्व में कौन होगा, पार्टी का संविधान क्या होगा, चुनाव चिन्ह क्या होगा, ये सारी बातें सामने आ जाएंगी। पटना के वेटनरी कॉलेज मैदान में होने वाले इस कार्यक्रम में देश-विदेश से लोग शामिल होंगे.

 

तैयारी की गयी है

 

बिहार के कोने-कोने से लोगों के आने की उम्मीद है, जिसके लिए जबरदस्त तैयारी की गयी है. प्रशांत किशोर को जानने वालों का मानना ​​है कि वह पिछले दो साल से लोगों के बीच ‘जन सुराज’ नाम स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं, इसलिए अब वह पार्टी का नाम ऐसा नहीं रखेंगे कि दोबारा वक्त लगे. लोगों के दिल और दिमाग में जगह बनाएं. इंटरनेट पर ‘जन सुराज’ नाम से कई अकाउंट विभिन्न प्लेटफॉर्म पर चल रहे हैं। बिहार में अगले साल चुनाव हैं इसलिए संभावना है कि पार्टी का नाम ‘जन सुराज’ हो सकता है. अगर नाम में बदलाव भी होता है तो ‘जन सुराज’ के आगे ‘पार्टी’ शब्द जोड़कर नाम ‘जन सुराज पार्टी’ रखा जा सकता है.

 

मना किया है

 

पार्टी का नेता कौन होगा और नेतृत्व में कौन होगा, इसे लेकर अभी तक पूरी गोपनीयता बरती जा रही है. कोई नाम सामने नहीं आ रहा है. एक स्थानीय अखबार के सूत्रों के मुताबिक, प्रशांत किशोर ने अपनी कोर टीम के साथ सभी नाम फाइनल कर लिए हैं और किसी को भी इस बारे में बात करने से मना किया है. चर्चा है कि किसी दलित चेहरे को पार्टी का नेता बनाया जा सकता है, जबकि नेतृत्व में बिहार के सभी धर्म, जाति और क्षेत्र के लोगों को शामिल किया जा सकता है.

 

बदलाव हो सकते हैं

 

पार्टी के संविधान में कई क्रांतिकारी बदलाव हो सकते हैं. इसकी एक झलक रविवार को तब देखने को मिली जब प्रशांत किशोर ने ‘राइट टू रिकॉल’ को शामिल करने की बात कही. ‘जन सुराज’ विधानसभा चुनाव में उसी उम्मीदवार को टिकट देगा जो कानूनी शपथ पत्र देकर ‘राइट टू रिकॉल’ पर सहमति देगा। पार्टी के चुनाव चिन्ह को लेकर अभी तक कोई जानकारी सामने नहीं आई है. अटकलें हैं कि चुनाव आयोग ने ‘सेब’ चुनाव चिह्न की पेशकश की है, लेकिन प्रशांत किशोर इसे लेना नहीं चाहते हैं.

 

प्रतीक शामिल हैं

 

चुनाव आयोग के पास फिलहाल उपलब्ध चुनाव चिन्हों में छड़ी के अलावा सात नोक वाला पेन निब, माइक, लेटर बॉक्स, लैपटॉप, गिफ्ट पैक, लिफाफा, कॉलबेल, हीरा, खाट, कंप्यूटर, शतरंज, आदमी और पाल वाली नाव शामिल हैं। , ब्लैकबोर्ड, दूरबीन, बल्ला जैसे कई प्रतीक शामिल हैं, लेकिन जिस तरह से प्रशांत किशोर चुनावी रणनीतियों के साथ प्रयोग करते हैं, हालांकि उसे देखकर लगता है कि छड़ी के बाद माइक, लेटर बॉक्स, लिफाफा, कॉलबेल, गिफ्ट पैक और ब्लैकबोर्ड जैसे चुनाव चिन्ह उनकी पसंद हो सकते हैं।

 

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