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ट्रांस अरुणाचल हाईवे मुआवजा घोटालाः भ्रष्टाचार के आरोपों में स्पेशल सेल ने पूर्व डिप्टी कमिश्नर समेत 3 को किया अरेस्ट

ट्रांस अरुणाचल हाईवे (टीएएच) प्रोजेक्ट से जुड़े घोटाले में अरुणाचल प्रदेश की स्पेशल इंवेस्टीगेशन सेल ने मंगलवार को सुबनसिरी के पूर्व डिप्टी कमिश्नर सह जिलाधिकारी केमो लोलेन समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. भ्रष्टाचार के आरोपों में लिप्त तीनों आरोपियों को 7 दिनों की पुलिस कस्टडी में भेजा गया है. आरोपियों पर मुआवजे की रकम के गबन का आरोप है.

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Arunachal Pradesh Officer arrest in corruption charges by SIT
  • July 3, 2018 11:55 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago

ईटानगरः अरुणाचल प्रदेश में स्पेशल इंवेस्टीगेशन सेल ने मंगलवार को दो विभागीय अधिकारियों समेत तीन लोगों को भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार किया है. मिली जानकारी के अनुसार, मुख्य आरोपी अधिकारी का नाम केमो लोलेन है. लोलेन पर जीरो जिले के अंतर्गत आने वाले सुबनसिरी के डिप्टी कमिश्नर सह जिलाधिकारी रहते हुए ट्रांस अरुणाचल हाईवे (टीएएच) प्रोजेक्ट मामले में दिए गए मुआवजे की रकम में अनियमितता बरतने और रकम बांटने में हेर-फेर करने का आरोप है. मुआवजे से वंचित फोरम के प्रवक्ता बेंगिया टोलम ने घोटाले में कई अन्य अधिकारियों के शामिल होने का भी आरोप लगाया.

स्पेशल सेल जिसे राज्य में करप्शन के मुद्दों की भी जांच करने का अधिकार है, उन्होंने लोलेन के साथ-साथ सरकारी अधिकारी भारत लिंगू जो पूर्व जिला भूमि राजस्व अधिकारी हैं और लिखा माज नामक शख्स, को भी गिरफ्तार किया है. स्पेशल सेल गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ करने की बात कह रही है. बता दें कि भारत सरकार की एजेंसी NHIDCL ने जोरम से कोलोरियांग जोकि ट्रांस अरुणाचल हाईवे के अंतर्गत आता है, के बीच हाईवे संबंधी निर्माण और मुआवजा वितरण के लिए करीब 40 करोड़ रुपये स्वीकृत किए थे.

गिरफ्तार लोगों पर आरोप है कि इन्होंने मुआवजा पाने वालों के फर्जी दस्तावेजों के जरिए इस रकम का गबन किया. साथ ही जमीन के मूल्यांकन में भी छेड़छाड़ की. इस मामले की प्राथमिक जांच में आरोप सही पाए गए. जिसके बाद भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के तहत सभी आरोपियों पर केस दर्ज किया गया. राज्य सरकार ने भी इस मामले में एक कमेटी गठित की थी. कमेटी ने जांच में पाया कि मुआवजा पाने वालों और उनको दी गई वास्तविक मुआवजे की रकम के बीच काफी बड़ा अंतर था.

जांच में इस बात का भी खुलासा हुआ कि मुआवजे के लिए ऐसे लोगों के भी दस्तावेज तैयार किए जो असल में हैं ही नहीं. मंगलवार को ही तीनों आरोपियों को स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें 7 दिनों की पुलिस कस्टडी में भेजा गया है. जांच टीम बारीकी से इस केस की अन्य परतों को सुलझाने में जुटी है. सूत्रों की मानें तो इस घोटाले में कई अन्य सरकारी अधिकारियों के नाम भी सामने आ सकते हैं. फिलहाल जांच टीम आरोपियों से पूछताछ के बाद ही इस मामले में कुछ कहने की बात कह रही है.

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