Arun Jaitley Attacks Rahul Gandhi: केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के डिग्री विवाद में अब वित्त मंत्री अरुण जेटली भी कूद गए हैं. अरुण जेटली ने फेसबुक पर ब्लॉग लिखते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की शैक्षणिक योग्यता पर सवाल उठाया है.
नई दिल्ली. यूपी के अमेठी से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ रहीं बीजेपी प्रत्याशी स्मृति ईरानी के डिग्री विवाद में अब वित्त मंत्री अरुण जेटली भी कूद गए हैं. अरुण जेटली ने विपक्षी दलों को जवाब देते हुए कहा है कि बीजेपी उम्मीदवारों की डिग्रियों पर ध्यान रखते रखते यह भूल गए हैं कि राहुल गांधी तो बिना मास्टर डिग्री के ही एमफिल कर चुके हैं. अरुण जेटली ने कहा कि यह सब सिर्फ विपक्ष का चुनावी एजेंडा है.
अरुण जेटली ने फेसबुक पर ब्लॉ़ग ‘इंडियाज़ ओपोजिशन इज ऑन ए रेंट ए कॉज कैंपेन’ में लिखते हुए कहा कि बीजेपी उम्मीदवारों ( स्मृति ईरानी) की शैक्षणिक योग्यता पर सवाल उठाए जा रहे हैं लेकिन राहुल गांधी का एकडमिक रिकॉर्ड सब भूल गए हैं. उनकी शैक्षणिक योग्यता को लेकर कई सवाल हैं जिनका जवाब नहीं मिला है. जैसे राहुल गांधी ने एमफिल की डिग्री बिन मास्टर डिग्री हासिल किए पूरी की है.
पहले भी चर्चा में आ चुकी है राहुल की डिग्री
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने साल 2004 और 2009 के लोकसभा चुनाव में नामंकन के दौरान बताया था कि उन्होंने कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के ट्रिनिटी कॉलेज से डेवलपमेंट ऑफ इकोनॉमिक्स में एमफिल किया है. लेकिन साल 2014 में राहुल गांधी ने नामंकन के दौरान बताया कि उन्होंने डेवलपमेंट स्टडीज में एमफिल किया है.
उस समय भी इस बात को लेकर सवाल उठाए गए थे. जिसके बाद अब स्मृति ईरानी शैक्षणिक योग्यता को लेकर उठ रहे सवालो के बीच अरुण जेटली ने इन जानकारियों के आधार पर ब्लॉग के जरिए राहुल पर निशान साधा है.
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की डिग्री का विवाद क्या है?
हाल ही में केंद्रीय मंत्री अमेठी सीट से नामंकन के दौरान चुनाव अयोग को दिए हलफनामे में कहा था कि वे ग्रेजुएट नहीं है. दरअसल, पहली बार चुनाव के लिए दाखिल हलफनामे में स्मृति ईरानी ने खुद को ग्रेजुएट बताया था. नामंकन के बाद डिग्री का मामला तूल पकड़ गया और कांग्रेस पार्टी स्मृति ईरानी पर हमलावर हो गई.
कांग्रेस पार्टी ने स्मृति ईरानी के टीवी सीरियल ‘क्योंकि सास भी कभी बहु थी’ की थीम लाइन पर निशाना साधते हुए कहा कि ”क्वालिफिकेशन के भी रूप बदलते हैं, नए-नए सांचे में ढलते हैं, एक डिग्री आती है, एक डिग्री जाती है, बनते एफिडेविट नए हैं.”