नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी के आम आदमी पार्टी सरकार की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। दरअसल सत्येंद्र जैन पहले ही मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जेल की सलाखों के पीछे हैं अब डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को भी शराब नीति घोटाले के मामले में गिरफ्तार कर लिया गया है। बुरी तरह प्रभावित हो सकता है […]
नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी के आम आदमी पार्टी सरकार की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। दरअसल सत्येंद्र जैन पहले ही मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जेल की सलाखों के पीछे हैं अब डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को भी शराब नीति घोटाले के मामले में गिरफ्तार कर लिया गया है।
बता दें कि आम आदमी पार्टी के दो मंत्रियों के गिरफ्तारी से दिल्ली का कामकाज बुरी तरह प्रभावित हो सकता है। दरअसल दिल्ली में सत्तारुढ़ आम आदमी पार्टी के कुल 7 कैबिनेट सदस्य हैं। अगर सीएम अरविंद केजरीवाल को छोड़ दिया जाए तो सिर्फ 6 मंत्री ही बचते हैं। दरअसल मुख्यमंत्री के पास कोई मंत्रालय नहीं है।
सत्येंद्र जैन को ईडी ने पहले ही गिरफ्तार कर रखा है। जैन पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगा है, वहीं अब डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को भी नए शराब नीति घोटाले को लेकर रविवार को गिरफ्तार कर लिया गया है। बता दें कि सीएम केजरीवाल ने सत्येंद्र जैन को अभी उनके पद से नहीं हटाया है ये दिल्ली सरकार में अभी भी मंत्री बने हुए हैं, हालांकि इनके पास कोई विभाग नहीं है।
गौरतलब है कि सत्येंद्र जैन के गिरफ्तार होने के बाद ज्यादातर मंत्रालय मनीष सिसोदिया को सौंपे गए थे। इनके पास 18 मंत्रालयों की जिम्मेदारी थी। इसमें कई प्रमुख विभाग जैसे फाइनेंस, पीडब्ल्यूडी, वॉटर, हेल्थ प्लानिंग, पावर, टूरिज्म आदि शामिल हैं। ऐसे में अब ये बड़ा सवाल उठ रहा है कि डिप्टी सीएम की गिरफ्तारी के बाद ये विभाग कौन संभालेगा।
इस समय दिल्ली के 6 में से 2 मंत्री गिरफ्तार हैं और 4 मंत्रियों के ऊपर पूरे दिल्ली की जिम्मेदारी आने वाली है। बता दें कि मंत्री कैलाश गहलोत के पास 6 और मंत्री गोपाल राय के पास 3 विभाग की जिम्मेदारी है। गोपाल राय दिल्ली प्रदेश के संयोजक भी है। इनके अलावा इमरान हुसैन के पास दो और राजकुमार आंनद के पास चार मंत्रालयों की जिम्मेदारी है।