लखनऊ। वाराणसी कोर्ट (Varanasi Court) में ज्ञानवापी परिसर में व्यास जी के तहखाने को डीएम को सौंपने के मामले में आज सुनवाई होगी। न्यायालय ने इससे पहले आठ नवंबर को सुनवाई पूरी करते हुए फैसला सुरक्षित रखा था। इसी बीच अधिवक्ता विजय शंकर रस्तोगी ने भी अपील कर खुद को पक्षकार बनाए जाने को कहा था जिसके बाद अदालत ने उन्हें अपना पक्ष रखने को कहा है। बता दें कि इससे पहले यह सुनवाई सोमवार 20 नवंबर को होनी थी, लेकिन न्याायलय में अधिवक्ता आतुल गोस्वामी के निधन की वजह से शोक होने के कारण इसे टाल दिया गया था।
हिन्दू पक्ष के अधिवक्ता मदन मोहन यादव ने कहा कि ज्ञानवापी परिसर स्थित व्यासजी के तहखाने को जिलाधिकारी को सौंपने के मामले में सोमवार को होने वाली सुनवाई कचहरी में शोक की वजह से नहीं हो सकी। जिला जज ए के विश्वेश ने इस केस में सुनवाई के लिए 21 नवंबर की तारीख तय की है। उन्होंने बताया कि ज्ञानवापी परिसर स्थित व्यास जी के तहखाने को डीएम को सौंपने के मामले में आठ नवंबर को सुनवाई पूरी करते हुए कोर्ट ने 18 नवंबर के लिए फैसला सुरक्षित रख लिया था।
उन्होंने बताया कि लेकिन इसी बीच अधिवक्ता विजय शंकर रस्तोगी ने एक प्रार्थना पत्र देते हुए खुद को इस केस में पक्षकार बनाए जाने और उनका पक्ष सुनने की अपील जिला जज ए के विश्वेश से की, इस पर कोर्ट ने उन्हें अपना पक्ष रखने के लिए कहा था। बता दें कि हिन्दू पक्ष की तरफ से व्यासजी के तहखाने की चाबी डीएम को सौंपने की अपील की गई है। हिन्दू पक्ष ने दलील दिया है कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो अंजुमन इंतजामिया कमेटी इस तहखाने पर भी कब्जा जमा लेगी।
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