लखनऊ। यूपी के झांसी में एनआईए की टीम टेरर फंडिंग के आरोप में छापेमारी करने पहुंची थी। जांच और पूछताछ के बाद जब एनआईए की टीम आरोपी मौलाना मुफ्ती को लेकर निकल रही थी तो बाहर ही पुरुषों और महिलाओं की भीड़ ने उन्हें रोक लिया। इसके बाद मौलाना को एनआईए और पुलिस की गिरफ्त से छुड़ा लिया गया।
क्या है पूरा मामला
आपको बता दें कि पूरा मामला सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र के सलीम बाग खिड़की सुपर कॉलोनी का है जहां मदरसा शिक्षक मुफ्ती खालिद नदवी अंसारी के घर पर एनआईए की टीम ने छापेमारी की। नदवी के घर में लैपटॉप, मोबाइल और अन्य गैजेट्स की जांच की गई। एनआईए और एटीएस की टीम ने खालिद से पूछताछ की और इसके बाद उसे आगे की पूछताछ के लिए अपने साथ ले जाना चाहती थी लेकिन मुफ्ती खालिद नदवी और उसके लोगों ने घर के बाहर भीड़ बुला ली। भीड़ के जरिए मदरसा शिक्षक मुफ्ती खालिद नदवी ने एनआईए और एटीएस पर दबाव बनाने की कोशिश की। लोगों ने एनआईए और एटीएस टीम को घेर लिया।
एनआईए की टीम जब मुफ्ती खालिद नदवी को हिरासत में लेने लगी तो भीड़ ने रास्ता रोक लिया। एनआईए और पुलिस की टीम ने संयम से काम लिया। भीड़ को आरोपी मुफ्ती खालिद नदवी को छुड़ाकर ले जाने दिया। एक बार भीड़ ने खालिद नदवी को छुड़ा लिया और अपने साथ ले गई। लेकिन भागने से पहले ही पुलिस ने खालिद को फिर से पकड़ लिया और अपने साथ ले गई।
मस्जिद से हुआ ऐलान
कहा जा रहा है जब एटीएस पहुंची तो मस्जिद से ऐलान हुआ और खबर फैली कि पुलिस नदवी को लेकर जा रही है। इसके बाद नदवी के घर के बाहर मोहल्ले के लोगों की भीड़ जमा हो गई। पुरुषों के साथ-साथ बुर्का पहनी महिलाएं भी बड़ी संख्या में पहुंच गईं। आपको बता दें कि खालिद नदवी बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाता है। उसके छात्र भारत के साथ-साथ विदेशों से भी हैं। एनआईए को शक है कि ऑनलाइन कोचिंग के नाम पर विदेशी फंडिंग हो रही है।
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