नई दिल्ली: दिल्ली में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) के छात्र मेस फीस (कैंटीन व खाने का खर्च) में इजाफे से काफी ज़्यादा परेशान हैं। छात्र इसके खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। इन छात्रों का कहना है कि आईआईटी दिल्ली दूसरे आईआईटी के मुकाबले ज्यादा कैंटीन फीस लेता है, फिर भी यहां की फीस को लगातार […]
नई दिल्ली: दिल्ली में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) के छात्र मेस फीस (कैंटीन व खाने का खर्च) में इजाफे से काफी ज़्यादा परेशान हैं। छात्र इसके खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। इन छात्रों का कहना है कि आईआईटी दिल्ली दूसरे आईआईटी के मुकाबले ज्यादा कैंटीन फीस लेता है, फिर भी यहां की फीस को लगातार बढ़ाया जा रहा है। छात्रों का कहना है कि आईआईटी दिल्ली में मेस फीस अन्य संस्थानों की तुलना में उम्मीद से 12,000 से 13,000 ज्यादा है। इसी मामले को लेकर छात्र प्रशासन कार्यालय में शिकायत कर रहे हैं और विरोध में धरना दे रहे हैं।
प्रदर्शनकारी छात्रों का कहना है कि अगर कोई छात्र कैंटीन में खाना नहीं चाहता है तो उसके पास बाहर खाने का विकल्प है और उसे कैंटीन शुल्क से छूट मिल सकती है, लेकिन आईआईटी दिल्ली में यह विकल्प नहीं है। वहीं दूसरी तरफ IIT बॉम्बे में यह विकल्प मिल रहा है। दिल्ली के छात्रों का कहना है कि उनके खाने के बिल का भुगतान करने के लिए प्रशासन का दबाव है और भुगतान नहीं करने पर उन्हें छात्रावास से निकालने की धमकी दी जाती है।
छात्रों का कहना है कि बोर्ड ऑफ हॉस्टल मैनेजमेंट (BHM) के कर्मचारियों के वेतन और उनकी पेंशन के लिए उनसे प्रतिदिन 80-90 रुपये लिए जाते हैं जबकि अन्य संस्थाएं खुद इसका भुगतान करती हैं, इसलिए वहां कैंटीन की फीस कम होती है। इसका असर छात्रों पर पड़ता है। स्टूडेंट्स को सेमेस्टर खर्च के लिए 10,000 से 13,000 रुपए ज़्यादा चुकाने पड़ते हैं। वहीं डीन का कहना है कि चार साल में 60 प्रतिशत महंगाई बढ़ी है और इसी वजह से ऐसा हुआ है।