Amritsar Train Accident: अमृतसर को जौड़ा बाजार इलाके में रेलवे ट्रैक के पास रावण दहन हो रहा था. बहुत लोग रेलवे ट्रैक पर खड़े होकर ही पुतला दहन देख रहे थे. अचानक वहां ट्रेन आ गई और 60 से ज्यादा लोग कटकर मर गए. इस कार्यक्रम में मुख्य गवाह पंजाब सरकार में मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर सिद्धू थीं.
नई दिल्ली. ऐसे में जबकि अमृतसर रेल हादसे को लेकर हर कोई एक दूसरे पर आरोप लगा रहा है कि रेलवे की गलती थी, स्थानीय प्रशासन की गलती थी, आयोजकों की गलती थी या फिर ट्रैक पर खड़े लोगों की गलती थी, आरोप ट्रेन के ड्राइवर पर भी लगे हैं कि क्यों उसने ट्रेन की स्पीड कम नहीं की? एक्सीडेंट हो जाने के बावजूद ट्रेन क्यों नहीं रोकी? ट्रेन के ड्राइवर को तो हिरासत में ले लिया गया है लेकिन रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष अश्वनी लोहानी और फिरोजपुर के डीआरएम ने मीडिया से बातचीत में ट्रेन ड्राइवर पर लगे आरोपों को खारिज कर दिया है और इसके पीछे सहारा लिया है ट्रेन के स्पीडोमीटर का.
ट्रेन के स्पीडोमीटर यानी सिनुएलेटर में ट्रेन की स्पीड भी दर्ज होती रहती है, कितने बजे ट्रेन की स्पीड क्या थी, कितने बजे घटाकर या बढ़ाकर कितनी की गई, ये उस रिकॉर्ड से आसानी से पता किया जा सकता है. कोई भी ड्राइवर इसमें हेरफेर कर भी नहीं सकता है. उसी स्पीडोमीटर की जांच से पता चला है कि ट्रेन की स्पीड 91 किलोमीटर प्रति घंटा थी, जैसे ही ड्राइवर ने देखा कि ट्रैक पर कुछ हलचल है, उसने स्पीड कम की. ये घटकर 68 किलोमीटर प्रति घंटा पर आ गई.
देखें हादसे का दर्दनाक वीडियो:
Someone please explain how in the hell is government and/or railways is responsible for this?
What else do you expect when you stand carelessly on a working railway track?
The driver to get down and take Prasad and then go!!#Amritsar #trainaccident pic.twitter.com/CcOt5TiBI7— AB (@AB_arpit) October 19, 2018
आमतौर पर एक ट्रेन को रुकने के लिए 625 मीटर चाहिए होते हैं, अगर इमरजेंसी ब्रेक लगाएं जाएं तो ट्रेन के पलटने का खतरा रहता है. 68 किमी की गति से ट्रेन ने लोगों को रौंदा, स्पीड कम होते होते सात या आठ किमी पर आ गई, जैसा कि स्पीडोमीटर दिखा रहा है. लेकिन फीरोजपुर डीआरएम के मुताबिक ट्रेन के गार्ड ने ड्राइवर को कहा कि लोगों की भीड ट्रेन के पीछे आ रही है, वो ट्रेन को आग लगा सकती है, यात्रियों की जान को खतरा हो सकता है. उसने ड्राइवर से ट्रेन बढ़ाने को कहा और ड्राइवर ने फिर से स्पीड को बढ़ा दिया वो वहां रुका नहीं. ऐसे में अगल स्टेशन पर जाकर उसने स्टेशन मास्टर व अन्य अधिकारियों को खबर दी.
ट्रेन गुजरने के वीडियो से ये भी सामने आया कि बाकायदा ग्रीन सिग्नल भी दिया गया था. हॉर्न की बात भी रेलवे की तरफ से कही जा रही है, जो शायद पटाखों की आवाज में सुनाई नहीं दी, ये अलग बात है कि सिद्धू दावा कर रहे हैं, कि ट्रेन ने हॉर्न नहीं बजाया. ऐसे में ट्रेन ड्राइवर हिरासत में है, उससे पूछताछ के बात बाकी और तथ्यों का खुलासा होना मुमकिन है.
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