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अमृतपाल सिंह की बढ़ सकती है मुश्किलें, थाने के घेराव पर नाराज हुए सिख संगठन

अमृतसर। वारिस पंजाब दे संगठन प्रमुख अमृतपाल सिंह की मुश्किलें बढ़ गई है। जहां एक तरफ विपक्षी पार्टियों के नेता अमृतपाल पर कार्रवाई करने की मांग कर रहे है। वहीं अब सिख संगठन भी उनसे नाराज नजर आ रहे हैं।  सिख संगठनों द्वारा नाराज होने का मुख्य कारण गुरु ग्रंथ साहिब को ढाल बनाकर पुलिस […]

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अमृतपाल सिंह की बढ़ सकती है मुश्किलें, थाने के घेराव पर नाराज हुए सिख संगठन
  • February 26, 2023 11:20 am Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

अमृतसर। वारिस पंजाब दे संगठन प्रमुख अमृतपाल सिंह की मुश्किलें बढ़ गई है। जहां एक तरफ विपक्षी पार्टियों के नेता अमृतपाल पर कार्रवाई करने की मांग कर रहे है। वहीं अब सिख संगठन भी उनसे नाराज नजर आ रहे हैं।  सिख संगठनों द्वारा नाराज होने का मुख्य कारण गुरु ग्रंथ साहिब को ढाल बनाकर पुलिस थाने की घेराबंदी को बताया जा रहा है।

बता दें, अमृतपाल और उनके समर्थक, गुरुवार को अमृतसर के बाहरी इलाके अजनाला में पुलिस द्वारा लगाई गई बैरिकेड्स तोड़कर घुस गए थे। इस दौरान अमृतपाल के समर्थक तलवार और बंदूकों को लहराते हुए भी दिखे थे।  घेराबंदी करने का मुख्य कारण अपहरण कांड को लेकर थाने में बंद लवप्रीत सिंह को छोड़ने की मांग थी।

जांच कमेटी का किया गया गठन

अमृतपाल की इस हरकत के बाद सिख संगठनों में लगातार आक्रोश देखने को मिल रहा है। आक्रोश को देखते हुए अब श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने एक जांच कमेटी का गठन किया है। यह जांच कमेटी घटना की जांच करने के अलावा इस बात की भी जांच करेगी कि धरना, प्रदर्शनों में श्री गुरु ग्रंथ साहिब के पावन स्वरूप को ले जा सकते हैं या नहीं ? जांच कमेटी में सिख संगठन के बुद्धिजीवियों के अलावा सिख स्कॉलरों को भी शामिल किया जाएगा। जांच कमेटी द्वारा सिख परंपराओं और इतिहास को देखते हुए रिपोर्ट तैयार की जाएगी। जिसे 15 दिन के भीतर अपनी रिपोर्ट पेश करनी होगी। इस रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

गुरु ग्रंथ साहिब का इस्तेमाल गलत

इसके अलावा सिख धर्म गुरुओं ने पवित्र पुस्तक को थाने पर ले जाना गलत बताया इसके अलावा पुलिस द्वारा पानी की बौछार या लाठीचार्ज का सहारा ना लेने की तारीफ की। उन्होंने कहा कि अमृतपाल द्वारा गुरु ग्रंथ साहिब को साथ में ले जाना यह बताता है कि पुलिस की तरफ से किसी तरह की जवाबी कार्रवाई के बाद गुरु ग्रंथ साहिब के जरिए एक नया विवाद खड़ा किया जाए। उनके करीबी सहयोगी की गिरफ्तारी एक व्यक्तिगत लड़ाई थी और गुरु ग्रंथ साहिब को ले जाना बिल्कुल गलत है और सिख धर्म के खिलाफ है।

मुख्यमंत्री ने की आलोचना 

इसके अलावा पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भी अमृतपाल और उनके समर्थकों की आलोचना करते हुए कहा कि जो लोग सिख पवित्र पुस्तक को ढाल बनाकर पुलिस स्टेशन ले गए, उन्हें पंजाब का वारिस नहीं का जा सकता है।

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