चंडीगढ़: देश के लोकसभा चुनाव के नतीजे 4 जून को सभी के सामनें आ गए हैं. इस बार देश के कुछ ऐसे उम्मीदवारों की जीत हुई है जो काफी हैरान करने वाला है. ऐसा ही एक नाम है खालिस्तानी समर्थक और ‘वारिस पंजाब दे’ का सरगना अमृतपाल सिंह. जिसने पंजाब की खडूर साहिब लोकसभा सीट से लगभग 2 लाख वोटों के अंतर से जीत दर्ज की है. ये जीत पंजाब में इस लोकसभा चुनाव में किसी उम्मीदवार की सबसे बड़ी जीत भी है.
जेल में बंद है अमृतपाल सिंह
दरअसल पंजाब में पिछले साल हुई हिंसा में अमृतपाल सिंह मुख्य आरोपी है और उसे इसी जुर्म में पिछले साल ही अप्रैल में खालिस्तानी समर्थक भिंडरावाले के गांव रोडे से गिरफ्तार किया गया था, तभी से अमृतपाल अब तक जेल में बंद है. उसे इस वक्त असम की डिब्रूगढ़ जेल में रखा गया है. चुनाव में जीत के बाद अमृतपाल सिंह की पत्नी उससे मिलनें इसी जेल में आई थी.
क्यों हो रही है इतनी चर्चा ?
अमृतपाल सिंह की जीत पंजाब की इस लोकसभा चुनाव की सबसे बड़ी जीत है. उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी को लगभग दो लाख के अंतर से हराया है. उन्हें इस चुनाव में कुल 404430 वोट मिले थे. अमृतपाल के खिलाफ देशद्रोह समेत कुल 16 केस दर्ज हैं. अब चिंता की बात ये है कि ऐसा व्यक्ति जिसपर देशद्रोह जैसे गंभीर मामले दर्ज हो और उसका चुनाव में इतने बड़े अंतर से जीतना सवाल खड़े करता है कि पंजाब के लोग पारंपरिक राजनीतिक दलों को दरकिनार कर एक ऐसे व्यक्ति के लिए क्यों वोट कर रहे हैं वो भी तब जब वह देशद्रोह जैसे मामलों में जेल में बंद है.
क्या हैं चिंताएं ?
पाकिस्तान से सटे पंजाब में पहले ही आए दिन घटनाएं होती रहती हैं, जिसमें कभी ड्रग्स, तस्करी, फायरिंग जैसी घटनाएं होती है. अब अमृतपाल के इस एरिया में जीतनें से ये चिंताएं और जटिल होती जा रही है. क्योंकि अमृतपाल सिंह पहले ही पंजाब को भारत से तोड़कर एक अलग राज्य बनानें के लिए आंदोलन कर चुका है. अब उस एरिया का मेंबर ऑफ पार्लियामेंट होनें से उसकी पहुंच और ताकत दोनों में इजाफा हो जाएगा. इसके अलावा खडूर साहिब की जनता भी अब उसके साथ कहीं वह इसका फायदा उठाकर इन लोगों को बहका न दे. जिससे आसपास के क्षेत्र में अराजकता का माहौल फैल जाए.
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