Amrapali Housing Project Row: आम्रपाली ग्रुप को बड़ा झटका, सुप्रीम कोर्ट ने समूह के 3 डायरेक्टर्स को जेल भिजवाया

Amrapali Housing Project Row: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को आम्रपाली ग्रुप के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है. कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान ग्रुप के तीन डायरेक्टर्स अनिल कुमार शर्मा, शिवप्रिय और अजय कुमार को पुलिस कस्टडी में भिजवाया, जहां से उन्हें जेल ले जाया गया.

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Amrapali Housing Project Row: आम्रपाली ग्रुप को बड़ा झटका, सुप्रीम कोर्ट ने समूह के 3 डायरेक्टर्स को जेल भिजवाया

Aanchal Pandey

  • October 9, 2018 3:32 pm Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

नई दिल्लीः Amrapali Housing Project Row: सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली के अधूरे प्रोजेक्ट मामले में ग्रुप के तीन डायरेक्टर्स अनिल कुमार शर्मा, शिवप्रिय और अजय कुमार को पुलिस कस्टडी में भेज दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस बुलाकर तीनों डायरेक्टर्स को उनके सुपुर्द किया. कोर्ट ने उन्हें जेल ले जाया गया. कोर्ट ने कहा कि जब तक सारे दस्तावेज ऑडिटर्स को उपलब्ध नहीं कराते तब तक तीनों डायरेक्टर्स पुलिस हिरासत में रहेंगे.

सुप्रीम कोर्ट ने बिल्डर्स को फटकार लगाते हुए कहा कि आम्रपाली ग्रुप सुप्रीम कोर्ट के साथ लुका-छिपी का खेल न खेले. सुप्रीम कोर्ट ने बिल्डर्स के वकील से पूछा कि अभी तक फॉरेंसिक ऑडिट से जुड़ी रिपोर्ट्स ऑडिटर्स को क्यों नहीं सौंपी गई है, इसके पीछे क्या वजह रही. सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान आम्रपाली समूह के तीनों डायरेक्टर्स को अवमानना का नोटिस भी जारी किया. कोर्ट ने निदेशकों से कहा कि क्यों न आपके खिलाफ कोर्ट की अवमानना का मुकदमा चलाया जाए. दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली बिल्डर्स को फॉरेन्सिक ऑडिट के लिए दस्तावेज देने को कहा था.

कोर्ट का आदेश का पालन नहीं करने पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जाहिर की. शीर्ष अदालत ने समूह के तीन निदेशकों अनिल कुमार शर्मा, शिवप्रिय और अजय कुमार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए उन्हें फौरन पुलिस कस्टडी में लेने के निर्देश दिए, जहां से तीनों को जेल ले जाया गया. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस, नोएडा पुलिस और ग्रेटर नोएडा पुलिस को आपस मेंसमन्वय करने और सारे अकाउंट्स संबंधी रिकार्ड सीज कर ऑडिटर्स को देने के निर्देश दिए हैं.

बताते चलें कि सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले आम्रपाली ग्रुप की बंद पड़े प्रोजेक्ट्स को पूरा करने के लिए बिल्डर का चयन करने के लिए एनबीसीसी लिमिटेड को टेंडर देने की इजाजत दी थी. शीर्ष अदालत ने एनबीसीसी को 60 दिनों के भीतर ग्रुप के सभी बंद पड़े प्रोजेक्ट्स को लेकर एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए हैं.

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