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Manipur Violence: कुकी-मैतेई समुदाय के राहत शिविरों में पहुंचे शाह, असलहा रखने वालों को हिदायत

इंफाल: पिछले एक महीने से देश के पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में हिंसा जारी है. राज्य और केंद्र सरकार इस हिंसा को रोकने के तमाम प्रयास कर रही है. इन्हीं प्रयासों के तहत जातीय हिंसा से प्रभावित मणिपुर में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह दौरे पर हैं. बुधवार को शाह ने कुकी और मैतेई समुदाय के […]

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Manipur Violence: कुकी-मैतेई समुदाय के राहत शिविरों में पहुंचे शाह, असलहा रखने वालों को हिदायत
  • May 31, 2023 10:20 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

इंफाल: पिछले एक महीने से देश के पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में हिंसा जारी है. राज्य और केंद्र सरकार इस हिंसा को रोकने के तमाम प्रयास कर रही है. इन्हीं प्रयासों के तहत जातीय हिंसा से प्रभावित मणिपुर में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह दौरे पर हैं. बुधवार को शाह ने कुकी और मैतेई समुदाय के राहत शिविरों का दौरा किया. इस दौरान घर मंत्री ने शिविरों का जायजा लिया और मदद का आश्वासन दिया. बता दें, सोमवार से अमित शाह मणिपुर के चार दिवसीय दौरे पर हैं जो एक जून तक चलेगा.

हथियार कानून के तहत होगी कार्रवाई

शाह के अलावा मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने भी चेतावनी जारी कर बताया है कि जिन भी लोगों के पास अनधिकृत और अवैध तरीके से हथियार बरामद किए जाएंगे उनके खिलाफ कार्रवाई होगी. सीएम बीरेन ने इस दौरान कहा कि, ”मैं लोगों से अपील करता हूं कि घाटी और पहाड़ी जिलों में सशस्त्र पुलिस बटालियन, पुलिस थानों आदि से लूटे गए हथियार और गोला-बारूद सौंप दें. अगर सुरक्षा कर्मियों की ओर से तलाशी अभियान के दौरान किसी भी व्यक्ति के पास अनधिकृत हथियार और गोला-बारूद पाया जाता है तो हथियार कानून 1959 और नियमों के अनुसार उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.”

क्या बोले अमित शाह?

इस दौरान केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि जल्द से जल्द सरकार मणिपुर में शांति बहाल करने और विस्थापितों को वापस लौटाने के लिए प्रतिबद्ध हैं. एक ट्वीट के जरिए शाह ने कहा कि ”इंफाल में एक राहत शिविर का दौरा किया जहां मैतेई समुदाय के लोग रह रहे हैं. हमारा संकल्प मणिपुर को एक बार फिर से शांति और सद्भाव के रास्ते पर वापस लाने और लोगों की जल्द से जल्द घरों में वापसी पर केंद्रित है.”

पिछले एक महीने से जारी है हिंसा

गौरतलब है कि पिछले महीने ही मणिपुर करीब एक महीने के लिए हिंसा की आग में जला है. कई मुद्दों को लेकर इस समय राज्य का माहौल अशांत नज़र आ रहा है जिसे शांत करने के लिए राज्य से लेकर केंद्र सरकार हर संभव प्रयास कर रही है. इस महीने की शुरुआत में मणिपुर की पहाड़ियों पर कई झड़पें देखी गईं. 3 मई को आदिवासियों ने अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग एकजुटता मार्च निकाला था. अब तक इस हिंसा में 70 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.

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