इंफाल : मणिपुर इस समय जातीय हिंसा से झुलस रहा है. आरक्षण के मुद्दे को लेकर कुकी और मैतई समुदाय के बीच हिंसा हो रही है. इस हिंसा में 100 से अधिकल लोगों की मौत हो गई है और हजारों घर जला दिए गए है. मणिपुर में शांति स्थापित करने के लिए केंद्र सरकार लगातार […]
इंफाल : मणिपुर इस समय जातीय हिंसा से झुलस रहा है. आरक्षण के मुद्दे को लेकर कुकी और मैतई समुदाय के बीच हिंसा हो रही है. इस हिंसा में 100 से अधिकल लोगों की मौत हो गई है और हजारों घर जला दिए गए है. मणिपुर में शांति स्थापित करने के लिए केंद्र सरकार लगातार प्रयासरत है. कुछ दिन पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर का दौरा किया था और स्थिति का जायजा लिया था.
प्रदेश में शांति स्थापित करने के लिए केंद्र सरकार ने शांति समिति स्थापित की है और इसका अध्यक्ष राज्यपाल को बनाया है. इस समिति में प्रदेश के सीएम बीरेन सिंह के साथ कुछ मंत्रियों को शामिल किया गया है और विभिन्न पार्टी के नेताओं को शामिल किया गया है. गृह मंत्रालय ने बताया कि इस समिति में शिक्षाविद, कलाकार, सोशल वर्कर और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ विभिन्न संगठनों के लोगों को शामिल किया गया है.
मणिपुर दौरे के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ऐलान किया था कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा. इस हिंसा मे अब तक 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है वहीं 300 से अधिक लोग घायल हुए है. हिंसा को रोकने के लिए प्रदेश में सेना के साथ बीएसएफ के जवानों को तैनात किया गया है. अपने दौरे के दौरान अमित शान ने कहा था कि कुछ दिनों में शांति समिति का गठन किया जाएगा.
मणिपुर में हिंसा की मुख्य वजह दो कुकी और मैतई है. पूरे प्रदेश में मैतई समुदाय की आबादी सबसे अधिक है. इन दोनों समुदायों के बीच अपने हक के लिए टकराव होता रहता है. ये मामला तब और तूल पकड़ लिया जब हाईकोर्ट ने आदेश दिया था कि मैतई समुदाय को एसटी में शामिल किया जाए. इसी आदेश के बाद प्रदेश में दंगा भड़क गया. कुकी समुदाय के लोग मैतई समुदाय को एसटी में शामिल करने का विरोध कर रहे है. मैतई समुदाय 2012 से ही एसटी में शामिल होने के लिए आंदोलन कर रहा है.