अमित शाह के गुलाम हैं… jammu में चुनाव प्यार-नफरत के बीच है, कांग्रेस आई तो होगी शांति

नई दिल्ली: कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार ने रविवार, 15 सितंबर को कहा कि जम्मू-कश्मीर में सन्नाटा है और जब उनकी पार्टी सत्ता में आएगी तो यहां वास्तविक शांति स्थापित की जाएगी. उन्होंने कहा कि शांति और शांति में अंतर है, यहां शांति है और हमें वास्तविक शांति लानी है. कन्हैया कुमार यहां अखिल भारतीय कांग्रेस […]

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अमित शाह के गुलाम हैं… jammu में चुनाव प्यार-नफरत के बीच है, कांग्रेस आई तो होगी शांति

Zohaib Naseem

  • September 16, 2024 7:58 am Asia/KolkataIST, Updated 2 months ago

नई दिल्ली: कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार ने रविवार, 15 सितंबर को कहा कि जम्मू-कश्मीर में सन्नाटा है और जब उनकी पार्टी सत्ता में आएगी तो यहां वास्तविक शांति स्थापित की जाएगी. उन्होंने कहा कि शांति और शांति में अंतर है, यहां शांति है और हमें वास्तविक शांति लानी है. कन्हैया कुमार यहां अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के महासचिव गुलाम अहमद मीर के लिए प्रचार करने आए थे, जो आगामी जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में डुरु सीट से पार्टी के उम्मीदवार हैं.

भारी गुस्सा है

कन्हैया कुमार ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में जम्मू-कश्मीर के लोगों पर हुए अत्याचार के खिलाफ भारी गुस्सा है. हमारी समझ यह है कि इस बार कश्मीर में मतदान प्रतिशत सबसे ज्यादा रहेगा. उन्होंने कहा कि इस बार का मतदान जम्मू-कश्मीर के लोगों पर हो रहे जुल्म, बेरोजगारी, अन्याय के खिलाफ और राज्य के अधिकारों को वापस पाने के लिए होगा.

आरोप लगाया

कांग्रेस नेता ने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी पर गलत इरादे रखने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि जो लोग निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं वे असल में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के गुलाम हैं. वहीं उन्होंने कहा कि इसीलिए इस बार जम्मू-कश्मीर में चुनाव दो शक्तियों के बीच की लड़ाई है.

बीच की लड़ाई है

एक तरफ वो हैं जो नफरत फैलाते हैं और दूसरी तरफ वो हैं जो प्यार फैलाते हैं और जम्मू-कश्मीर के लोगों के अधिकारों के लिए लड़ते हैं. पीटीआई के मुताबिक, कन्हैया ने कहा कि जो चुनाव होने जा रहा है वो दो विचारधाराओं के बीच की लड़ाई है. एक तरफ नेशनल कॉन्फ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन है और दूसरी तरफ बाकी सभी का गठबंधन है, जो मूलतः बीजेपी का गठबंधन है. यह लड़ाई प्यार और नफरत के बीच, न्याय और अन्याय के बीच है.

बंटवारा होने नहीं देगें

यह जम्मू-कश्मीर के लोगों को उनका अधिकार वापस दिलाने की लड़ाई है जो उनसे छीन लिया गया है. उन्होंने कहा कि यहां की जनता समझ गयी है कि वोट का बंटवारा नहीं होने देना है. 90 सदस्यीय जम्मू-कश्मीर विधानसभा के लिए तीन चरणों में 18 सितंबर, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को मतदान होना है और वोटों की गिनती 8 अक्टूबर को होगी.

 

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