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Chhapra Voilence: क्या है छपरा मॉब लिंचिंग का सच? दोषियों को बचाने का आरोप

पटना: बिहार के छपरा में मॉब लिंचिंग ने एक व्यक्ति की जान ले ली है. युवक की निर्मम ह्त्या के बाद इलाके में तनाव फैला हुआ है. दूसरी ओर मृतक के पिता ने जांच में जुटी पुलिस पर आरोपियों को बचाने का आरोप लगाया है. युवक के पिता के अनुसार ये हत्या वर्चस्व जमाने के […]

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Chhapra Voilence: क्या है छपरा मॉब लिंचिंग का सच? दोषियों को बचाने का आरोप
  • February 6, 2023 7:08 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

पटना: बिहार के छपरा में मॉब लिंचिंग ने एक व्यक्ति की जान ले ली है. युवक की निर्मम ह्त्या के बाद इलाके में तनाव फैला हुआ है. दूसरी ओर मृतक के पिता ने जांच में जुटी पुलिस पर आरोपियों को बचाने का आरोप लगाया है. युवक के पिता के अनुसार ये हत्या वर्चस्व जमाने के लिए हुई है. बिहार के एडीजी जीएस गंगवार ने इन आरोपों को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने बताया कि ये आरोप गलत हैं और पुलिस निष्पक्ष कार्रवाई कर रही है.

सीबीआई जांच की मांग

मौके पर पहुंची पुलिस ने घटना के बाद इस मामले में हत्या समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज किया है. इस मामले में 5 लोगों को नामजद और 50 अज्ञात को आरोपी बनाया गया है. अब तक तीन अभियुक्तों की गिरफ्तारी हो चुकी है और अन्य लोगों को पकड़ने के लिए छापेमारी कर रही है. इस मामले में मृतक अमितेश के पिता ने सरकार से CBI जांच की मांग की है. दरअसल उन्होंने स्थानीय प्रशासन पर आरोपियों को बचाने का आरोप लगाया है. एक चैनल से बातचीत में मृतक के पिता ने कहा कि महिला मुखिया और उसके पति और समर्थकों के साथ मिलकर हत्या की घटना को अंजाम दिया है. उन्होंने आगे बताया कि मेरा बेटा खेत में पानी देने निकला था उसे बंधक बनाकर उसकी हत्या की गई.

एडीजी ने क्या कहा?

एडीजी जीएस गंगवार ने इस आरोप पर सफाई देते हुए प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि इस मामले में भी कांड दर्ज कर तीन अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया गया हैसोशल मीडिया पर अफवाह और भ्रम फैला दिया कि जाति और धर्म विशेष के खिलाफ इस पूरी घटना को अंजाम दिया गया है.

सोशल मीडिया साइट्स बंद

छपरा के पिटाई कांड को बढ़ता देख अब बिहार सरकार भी एक्शन में आ गई है. घटना में हुई एक युवक की मौत के बाद शुरू हुए उपद्रव को देखते हुए बिहार सरकार ने अब इलाके में इंटरनेट बंद करने का निर्णय लिया है. एक्शन लेते हुए गृह विभाग ने हिंसाग्रस्त इलाकों में सोशल साइट्स बंद करने के आदेश दिए हैं. स्थानीय प्रशासन ने सरकार को सोशल मीडिया के माध्यम से हिंसा फैलाने की जानकारी दी थी.

 

दरअसल सोशल मीडिया पर जातिगत लड़ाई को बढ़ाने के लिए भड़काऊ भाषण दिए जा रहे हैं. इसी बात को ध्यान में रखते हुए बिना किसी देरी के बिहार सरकार के गृह विभाग ने सोशल साइट्स बंद करने का आदेश दिया है. अब अगले दो दिनों के लिए यानी 8 फरवरी तक हिंसाग्रस्त इलाकों में सभी सोशल साइट्स बंद रहेंगी.

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