नई दिल्ली। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मथुरा के वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर के चारों तरफ एक कॉरिडोर बनाने की उत्तर प्रदेश सरकार की योजना को मंजूरी दे दी है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मंदिर के बैंक खाते में जमा पैसों का कॉरिडोर बनाने में इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं दी है। न्यायालय ने कहा है […]
नई दिल्ली। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मथुरा के वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर के चारों तरफ एक कॉरिडोर बनाने की उत्तर प्रदेश सरकार की योजना को मंजूरी दे दी है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मंदिर के बैंक खाते में जमा पैसों का कॉरिडोर बनाने में इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं दी है। न्यायालय ने कहा है कि सरकार अपनी प्रस्तावित योजना के साथ आगे बढ़े लेकिन यह भी सुनिश्चित करे कि दर्शनार्थियों को दर्शन करने में कोई बाधा न आए।
अदालत ने सरकार को कॉरिडोर बनाने में बाधा बन रहे अतिक्रमण को हटाने की भी अनुमति दे दी है, सरकार को खुद ही अपने खर्चे पर कॉरिडोर का निर्माण कराना होगा। बता दें कि वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर में बने कॉरिडोर की तरह ही बांके बिहारी मंदिर का कॉरिडोर बनाया जाएगा। बता दें कि 8 नवंबर को सुनवाई पूरी होने के बाद न्यायालय ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। अब 31 जनवरी 2024 को इस मामले की अगली सुनवाई होगी।
याची अनंत शर्मा, मधुमंगल दास और अन्य की तरफ से जनहित याचिका दाखिल की गई थी। यह फैसला चीफ जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर और जस्टिस आशुतोष श्रीवास्तव की डिवीजन बेंच ने सुनाया। मंदिर के पुजारियों ने कॉरिडोर निर्माण को गैर जरूरी बताया था और चढ़ावे व चंदे की रकम देने से भी साफ मना कर दिया था। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने अपने फैसले में सरकार की कॉरिडोर बनाए जाने की योजना को मंजूरी दे दी, लेकिन मंदिर से जुड़े हुए लोगों की मांग मानते हुए कोर्ट ने चढ़ावे व चंदे की रकम का इस्तेमाल किए जाने पर रोक लगा दी है।