Aligarh Murder Case: अलीगढ़ में मासूम से साथ दरिंदगी करने वाले अपराधियों को मिले फांसी ! अपराध का कोई धर्म नहीं

Aligarh Murder Case: यूपी के अलीगढ़ में ढाई साल की मासूम के साथ जो हुआ वह किसी भयानक सपने से कम नहीं है. किसी को नहीं पता था मात्र कुछ रुपयों के लिए उसके पड़ोस में रहने वाले अंकल ही हत्यारे बन जाएंगे. बच्ची के परिवार ने पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ से आरोपी जाहिद और असलम को मौत की सजा की मांग की है.

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Aligarh Murder Case: अलीगढ़ में मासूम से साथ दरिंदगी करने वाले अपराधियों को मिले फांसी ! अपराध का कोई धर्म नहीं

Aanchal Pandey

  • June 7, 2019 6:36 pm Asia/KolkataIST, Updated 5 years ago

अलीगढ़. अपराध और अपराधी का कोई रिश्ता, मजहब, जात, कुंटुंब कुछ भी नहीं होता. अगर होता तो अलीगढ़ के टप्पल का नाम लेते ही आज हमारे रौंगटे खड़े न होते. मरने वाली बच्ची मासूम थी, कभी जिस घर में उसकी किलकारियां गूंजा करती थी अब वहां गम का माहौल है. मात्र कुछ रुपयों के लिए उसके पड़ोस में रहने वाले जाहिद और असलम ही हत्यारे बन जाएंगे, किसी को नहीं पता था. यूपी पुलिस ने मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित की है, 2 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. बच्ची के परिवार की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ से मांग है कि उनकी बच्ची के साथ ऐसी बर्बरता करने वालों को मौत की सजा मिले. सोशल मीडिया पर सेलिब्रिटी समेत काफी लोग अपना गुस्सा जाहिर कर रहे हैं.  लोगों की मांग है कि विशेष समुदाय के आरोपियों को फांसी की सजा दी जाए.

यूपी पुलिस आरोपियों पर रासूका लगाने की तैयारी में है, पोक्सो एक्ट भी लगाया गया है. बच्ची के शव मिलने पर आशंका जताई गई थी कि रेप के बाद उसकी हत्या की गई है. लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट में रेप की पुष्टि नहीं हुई. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आकाश कुलहरि का कहना है कि 31 मई से लापता मृत बच्ची के पिता से आरोपियों का पैसों के लेन-देन को लेकर झगड़ा था जिसके बाद उन्होंने बच्ची को किडनैप कर उसकी बेरहमी से हत्या कर दी. बच्ची के पिता की शिकायत पर जाहिद और असलम नाम के दो आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया. पांच पुलिसकर्मियों को भी निलंबित कर दिया गया. लेकिन ऐसे में सवाल है कि क्या इतना काफी है? सवाल है कि नियम-कानून होने के बावजूद आखिर लोग इतने बेखौफ कैसे हैं.?

फांसी की मांग सिर्फ सोशल मीडिया तक रह जाती है सीमित
याद कीजिए, सोशल मीडिया पर उस समय भी देश के लोगों में काफी उबाल था, जब शिमला में गुड़िया गैंगरेप और कठुआ की बच्ची के साथ हैवानियत की खबरें सामने आई थीं. दोनों मामलों के समय सोशल मीडिया पर लोगों ने जमकर अपना गुस्सा निकाला था, सेलिब्रिटी से लेकर आम लोग तक अपराधियों की फांसी की मांग कर रहे थे. कुछ दिन बीते, लोगों ने खबरों पर ध्यान देना कम कर दिया और अपराधियों को मिलने वाली कड़ी सजा की मांग भी ठंडे बस्ते में चली गई. हालांकि, सरकारी और कोर्ट की कार्रवाई चल रही है लेकिन कोई फैसला अभी नहीं आ सका है और न ही किसी अपराधी को कड़ी से कड़ी सजा सुनाकर देश के दूसरे अपराधियों के जहन में डर बैठाया गया है.

बेखौफ हैं अपराधी, खुलकर कर रहे हैं अपराध.. आखिर क्यों नहीं है डर
पिछली कही बात फिर दोहराता हूं, जब तक ऐसे जघन्य अपराध को अंजाम देने वाले अपराधी को सजा नहीं होगी शायद जब तक खौफ नहीं होगा. ये सिर्फ मेरा नहीं बल्कि सोशल मीडिया पर हजारों लोगों का कहना है. पहले भी अपराध हुए लेकिन अपराधियों को अभी तक ऐसी सजा नहीं मिल सकी जिसे देखकर अपराध की सोचने वाले व्यक्ति की रूह कांप जाए. कई लोगों का कहना है कि इन आरोपियों को भी सख्त से सख्त सजा की जरूरत है, जब तक कानून का डर बेखौफ अपराधियों में नहीं बैठेगा, अपराध नहीं रुकेगा.

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