उत्तर प्रदेश, Aligarh: उत्तर प्रदेश से गंगा जमुनी तहज़ीब का एक अनूठा उदाहरण सामने आया है. एक बुज़ुर्ग दंपत्ति ने एक 400 किलो का ताला राम लला के समक्ष भेंट किया. यह ताला फिलहाल नुमाइश प्रदर्शनी के मैदान में लगा हुआ है. इस 400 किलो के ताले को लेकर अपना इरादा इजहार करते हुए बताया […]
उत्तर प्रदेश, Aligarh: उत्तर प्रदेश से गंगा जमुनी तहज़ीब का एक अनूठा उदाहरण सामने आया है. एक बुज़ुर्ग दंपत्ति ने एक 400 किलो का ताला राम लला के समक्ष भेंट किया. यह ताला फिलहाल नुमाइश प्रदर्शनी के मैदान में लगा हुआ है. इस 400 किलो के ताले को लेकर अपना इरादा इजहार करते हुए बताया गया कि प्रदर्शनी खत्म होने के बाद अयोध्या में श्रीराम मंदिर के लिए बुजुर्ग दंपत्ति द्वारा ताला भेंट किया जाएगा, जबकि बुजुर्ग दंपती का इरादा अब इससे बड़ा यानी छह क्विंटल का ताला बनाने का है.
बता दें कि यह ताला अपने विशालकाय आकर को लेकर सुर्ख़ियों में बना हुआ है. दरअसल, 400 किलो का ताला अलीगढ़ की नुमाइश के समाप्ति के बाद अयोध्या के राम लला को भेंट किया जाएगा. इस ताले की लंबाई लगभग 10 फुट है, जबकि चौड़ाई साढ़े चार फुट के करीब है. ताले बनाने वाले दंपति कारीगर ने इस ताले पर कुछ नाम भी लिखे हैं, जो कि ताले बनाने वालों की पहचान को दर्शाने का काम कर रहे हैं.
जानकारी के मुताबिक उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ के थाना गांधी पार्क इलाके के ज्वालापुरी निवासी सत्य प्रकाश शर्मा के यहां पिछले 100 सालों से लगातार ताले का व्यापार होता आया है. उनके पिता भोजराज शर्मा भी इस पुश्तैनी काम को करते आ रहे थे, यह काम उनके यहाँ सालों से चलता आया है. पिता की मौत के बाद सत्य प्रकाश शर्मा ने भी अपनी पत्नी के साथ मिलकर पुश्तैनी ताले के कारोबार को आगे बढ़ाया.