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यूपी में मंकीपॉक्स को लेकर अलर्ट जारी, एयरपोर्ट, बंदरगाहों और स्थलीय सीमाओं पर निगरानी

नई दिल्ली: विभिन्न देशों में मंकीपॉक्स के मरीज मिलने के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत में भी इसके संक्रमण की आशंका जताई है। ऐसे में प्रदेश का स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया है। स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिलाधिकारियों और मुख्य चिकित्साअधिकारियों को अलर्ट करते हुए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसके तहत सभी एयरपोर्ट पर […]

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यूपी में मंकीपॉक्स को लेकर अलर्ट जारी, एयरपोर्ट, बंदरगाहों और स्थलीय सीमाओं पर निगरानी
  • August 28, 2024 10:20 pm Asia/KolkataIST, Updated 4 months ago

नई दिल्ली: विभिन्न देशों में मंकीपॉक्स के मरीज मिलने के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत में भी इसके संक्रमण की आशंका जताई है। ऐसे में प्रदेश का स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया है। स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिलाधिकारियों और मुख्य चिकित्साअधिकारियों को अलर्ट करते हुए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसके तहत सभी एयरपोर्ट पर जांच की जाएगी।

स्वास्थ्य सचिव रंजन कुमार ने निर्देश दिया है कि प्रवेश द्वार वाले सभी जिलों में एक मेडिकल यूनिट को रेफरल यूनिट के रूप में चिन्हित किया जाए। ताकि जरूरत पड़ने पर मरीज को संबंधित अस्पताल में भर्ती कराया जा सके। संबंधित अस्पताल में भर्ती से संबंधित सभी व्यवस्थाएं की जाएं। इसी तरह जिलेवार प्रभारी और नोडल अधिकारी नियुक्त करने के निर्देश दिए गए हैं। एयरपोर्ट, बंदरगाहों और स्थलीय सीमाओं पर अंतरराष्ट्रीय यात्री स्वास्थ्य डेस्क स्थापित किए जाएंगे और बुखार, अत्यधिक कमजोरी और अज्ञात कारणों से चकत्ते वाले मरीजों की जांच की जाएगी। प्रदेश में नेपाल सीमा से लगे जिलों में विशेष निगरानी की जाएगी।

21 दिनों का लिया जाएगा ब्योरा

सभी जिलों में पिछले 21 दिनों में मंकीपॉक्स के पुष्ट या संभावित मरीजों की जानकारी वाले किसी देश की यात्रा करने वालों की भी जांच की जाएगी। अगर किसी में कोई लक्षण पाया जाता है तो उसकी केजीएमयू की माइक्रोबायोलॉजी लैब में जांच कराई जाएगी। सैंपल भेजने के लिए अलग से टीम बनाने के भी निर्देश हैं। संदिग्ध मरीजों के बारे में तत्काल राज्य मुख्यालय स्थित राज्य सर्विलांस इकाई को सूचना दी जाएगी। मुख्य चिकित्सा अधिकारी स्तर पर नियुक्त टीम द्वारा संदिग्ध मरीजों को एंबुलेंस के माध्यम से चिन्हित अस्पतालों (ट्रांजिट आइसोलेशन फैसिलिटी) में ट्रांसफर किया जाएगा।

मरीज के संपर्क में आने वालों की निगरानी की जाएगी

अगर किसी में मंकी पॉक्स की पुष्टि होती है तो कोविड की तर्ज पर अन्य गतिविधियां संचालित की जाएंगी। मरीज के संपर्क में आने वाले व्यक्तियों की सूची तैयार कर जिला व राज्य स्तरीय सर्विलांस इकाई को उपलब्ध कराई जाए। ताकि संदिग्ध मरीज में मंकी पॉक्स की पुष्टि होने पर तत्काल आगे की कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके।

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