लखनऊ : निकाय चुनाव के लिए सभी पार्टियों ने कमर कस ली है. समाजवादी पार्टी ने प्रचार का जिम्मा अखिलेश यादव ने खुद उठाया है. अखिलेश यादव अपने चाचा शिवपाल यादव के साथ मिलकर चुनाव प्रचार करेंगे. समाजवादी पार्टी ने लखनऊ के मेयर सीट पर नजर गड़ाए हुए है. लखनऊ में मेयर पद के लिए […]
लखनऊ : निकाय चुनाव के लिए सभी पार्टियों ने कमर कस ली है. समाजवादी पार्टी ने प्रचार का जिम्मा अखिलेश यादव ने खुद उठाया है. अखिलेश यादव अपने चाचा शिवपाल यादव के साथ मिलकर चुनाव प्रचार करेंगे. समाजवादी पार्टी ने लखनऊ के मेयर सीट पर नजर गड़ाए हुए है. लखनऊ में मेयर पद के लिए समाजवादी पार्टी ने वंदना मिश्रा को उम्मीदवार बनाया है. वंदना मिश्रा के लिए अखिलेश यादव और मैनपुरी से सांसद डिंपल यादव 3-3 जनसभाओं को संबोधित करेंगे. वहीं अखिलेश यादव और शिवपाल यादव दोनों नेता मिलकर मैनपुरी, फिरोजाबाद और इटावा में प्रचार का जिम्मा संभालेंगे.
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता शिवपाल यादव बीजेपी के गढ़ में चुनाव प्रचार करेंगे. समाजवादी पार्टी हर क्षेत्र में रणनीति बनाकर प्रचार करेगी. निकाय चुनाव में समाजवादी पार्टी शहरी इलाकों में ज्यादा जोर दे रही है क्योंकि शहरी क्षेत्रों में बीजेपी की पकड़ मजबूत है.
निकाय चुनाव को लेकर बीजेपी ने प्रचार की अपनी रणनीति तय कर ली है. सरकार की तरफ़ से सीएम योगी कमान संभालते नजर आएंगे. जबकि संगठन की जिम्मेदारी प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र चौधरी संभालेंगे। 24 अप्रैल को सहारनपुर से सीएम योगी चुनाव प्रचार शुरू करेंगे. जबकि डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक गाजियाबाद से प्रचार की शुरुआत करेंगे. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र चौधरी मेरठ से प्रचार की शुरुआत करेंगे, वहीं डिप्टी सीएम केशव मौर्य प्रयागराज से चुनाव प्रचार की शुरुआत करेंगे.
मालूम हो कि यूपी में 4 और 11 मई को निकाय चुनाव के लिए वोटिंग होगी, जिसके नतीजे 13 मई को आएंगे. यूपी में कुल 75 जिले हैं इन सभी जिलों में दो चरणों में मतदान होंगे। पहले चरण में प्रदेश के 37 जिलों में, जबकि दूसरे चरण में 38 जिलों में मतदान कराया जायेगा. 17 नगर निगम, 199 नगर पालिका परिषद एवं 544 नगर पंचायतों में 14,684 सीटों पर 13 मई को वोटों की गिनती होगी.
बता दें कि साल 2017 में हुए नगर निकाय के चुनाव में बीजेपी ने बंपर जीत हासिल की थी. 16 में से 14 नगर निगमों पर बीजेपी ने कब्ज़ा कर लिया था. इसके अतिरिक्त 1300 में से 597 पार्षद बीजेपी के चुने गए थे. दूसरी तरफ कांग्रेस के खाते में नगर निगम की एक भी सीट नहीं आई थी. जबकि बसपा ने नगर निगम की 2 सीटों पर कब्ज़ा किया था.