लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एचडीएफसी बैंक की एक महिला कर्मचारी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। मंगलवार को वह ऑफिस में बैठकर कुछ काम कर रही थी तभी अचानक वह कुर्सी से बेहोश होकर जमीन पर गिर पड़ी. जानकारी के मुताबिक, गोमतीनगर स्थित […]
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एचडीएफसी बैंक की एक महिला कर्मचारी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। मंगलवार को वह ऑफिस में बैठकर कुछ काम कर रही थी तभी अचानक वह कुर्सी से बेहोश होकर जमीन पर गिर पड़ी. जानकारी के मुताबिक, गोमतीनगर स्थित एचडीएफसी बैंक की विभूतिखंड शाखा में एक महिला अधिकारी लंच के लिए कुर्सी पर बैठी थीं. इसी दौरान अचानक वह बेहोश होकर फर्श पर गिर पड़ी. महिला को देख वहां मौजूद अन्य लोगों ने तुरंत उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया, लेकिन उसकी जान नहीं बचाई जा सकी.जांच के बाद डॉक्टरों ने महिला को मृत घोषित कर दिया।
सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और महिला के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. महिला की मौत का कारण पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलने के बाद ही पता चल सकेगा। हालांकि डॉक्टर को आशंका है कि महिला की मौत हार्ट अटैक से हुई है. हालांकि महिला की पहचान फातिमा के रूप में हुई है, जिसकी उम्र 45 साल है. बताया जा रहा है कि महिला लखनऊ के वजीरगंज इलाके की रहने वाली है. अब इस घटना को लेकर समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधा है.
उन्होंने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर ट्वीट करते हुए लिखा, लखनऊ में एचडीएफसी की एक महिला कर्मचारी की काम के दबाव और तनाव के कारण ऑफिस में ही कुर्सी से गिरकर मृत्यु की खबर बेहद चिंताजनक है. सपा प्रमुख ने आगे लिखा, ‘ऐसी खबरें देश में मौजूदा आर्थिक दबाव का प्रतीक हैं. सभी कंपनियों और सरकारी विभागों को इस बारे में गंभीरता से सोचना होगा. यह देश के मानव संसाधन के लिए एक अपूरणीय क्षति है। इस तरह की अचानक मौतें कामकाजी परिस्थितियों पर सवाल उठाती हैं। किसी भी देश की वास्तविक प्रगति का पैमाना सेवाओं या उत्पादों की संख्या में वृद्धि नहीं है, बल्कि यह है कि कोई व्यक्ति मानसिक रूप से कितना स्वतंत्र, स्वस्थ और खुश है।
उन्होंने बीजेपी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा, ‘बीजेपी सरकार की विफल आर्थिक नीतियों के कारण कंपनियों का कारोबार इतना कम हो गया है कि वे अपना कारोबार बचाने के लिए कई गुना कम लोगों को काम पर लगाती हैं. ऐसी आकस्मिक मौतों के लिए जितनी भाजपा सरकार जिम्मेदार है, उतनी ही भाजपा नेताओं के बयान भी हैं जो जनता को मानसिक रूप से हतोत्साहित करते हैं। वहीं इस समस्या को दूर करने के लिए कंपनियों और सरकारी विभागों को ‘तुरंत सुधार’ के लिए सक्रिय और सार्थक कोशिश करनी चाहिए।
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