नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश सरकार राज्य में अपराध कम होने का दावा करती है। लेकिन राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो यानी एनसीआरबी (NCRB) की रिपोर्ट के आंकड़े कुछ और ही कहानी बयां करते हैं। एनसीआरबी के मुताबिक महिलाओं के खिलाफ अपराध मामले में 28 राज्यों में से उत्तर प्रदेश पहले नंबर पर है, यहां पर महिलाओं […]
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश सरकार राज्य में अपराध कम होने का दावा करती है। लेकिन राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो यानी एनसीआरबी (NCRB) की रिपोर्ट के आंकड़े कुछ और ही कहानी बयां करते हैं। एनसीआरबी के मुताबिक महिलाओं के खिलाफ अपराध मामले में 28 राज्यों में से उत्तर प्रदेश पहले नंबर पर है, यहां पर महिलाओं के खिलाफ सबसे ज्यादा अपराध दर्ज किए गए हैं। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने इसको लेकर यूपी सरकार पर हमला बोला है।
रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ अपराध के 65,743 मामले दर्ज किए गए, इसके बाद दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र है, जहां 45,331 मामले और तीसरे नंबर पर राजस्थान में 45,058 मामले दर्ज किए गए। बता दें कि साल 2021 में उत्तर प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ 56,083 अपराध के मामले दर्ज किए गए, इसके बाद राजस्थान 40,738 मामलों के साथ दूसरे नंबर पर रहा था। एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार साल 2022 में देशभर में महिलाओं के खिलाफ कुल 445,256 अपराध के मामले दर्ज किए गए हैं, जो 2021 में दर्ज 428,278 से चार प्रतिशत ज्यादा है। इनमें से अधिकतर मामले पति या उसके रिश्तेदारों द्वारा मारपीट के आते हैं।
महिलाओं के खिलाफ अपराध पर आई एनसीआरबी की रिपोर्ट को लेकर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने योगी आदित्यनाथ सरकार पर निशाना साधा और कहा भाजपा इस तथ्य को दबा नहीं सकती है। सपा अध्यक्ष ने कहा कि अब जब यह समाचार है कि यूपी ‘महिलाओं के खिलाफ अपराधों’ में नंबर वन पर है तो बीजेपी सरकार ये कुतर्क देगी कि जब यूपी की जनसंख्या सबसे ज़्यादा है तो अपराध भी सबसे ज़्यादा होंगे। तो ऐसे में जनता यह कहेगी कि अगर जनसंख्या सबसे ज़्यादा है तो संसाधन भी तो सबसे अधिक हैं। बीजेपी ऐसी बचकानी दलीलों से महिलाओं के ख़िलाफ़ हो रहे अपराधों के तथ्य को दबा नहीं सकती।