उत्तर प्रदेश की 80 में से 37 लोकसभा सीटें जीतकर सपा ने अपनी राष्ट्रीय पहचान बनाई है। यह सपा के गठन से लेकर अब तक का सबसे अच्छा प्रदर्शन है।
UP News: उत्तर प्रदेश की 80 में से 37 लोकसभा सीटें जीतकर सपा ने अपनी राष्ट्रीय पहचान बनाई है। यह सपा के गठन से लेकर अब तक का सबसे अच्छा प्रदर्शन है। अब अखिलेश यादव सपा को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा दिलाने की योजना पर काम कर रहे हैं। इस कड़ी में उनकी नजर महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव पर है। शुक्रवार को मुंबई में सपा सांसदों के स्वागत समारोह का आयोजन किया गया है।
उत्तर प्रदेश के सपा सांसदों का मुंबई में पहला सार्वजनिक स्वागत समारोह हो रहा है। हाल ही में अखिलेश यादव अपने परिवार के साथ मुंबई में एक शादी समारोह में शामिल हुए थे और सपा पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं से मुलाकात की थी। अब सपा सांसदों के स्वागत समारोह के जरिए सपा महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव अभियान की शुरुआत कर रही है।
अखिलेश यादव ने महाराष्ट्र में सपा के पीडीए (पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक) फॉर्मूले को लागू करने की रणनीति बनाई है। सपा सांसद मनी भवन जाकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देंगे, चैत्यभूमि जाकर डॉ. भीमराव आंबेडकर को श्रद्धांजलि देंगे, शिवाजी पार्क में छत्रपति शिवाजी का अभिवादन करेंगे, सिद्धिविनायक मंदिर में दर्शन करेंगे और माहिम दरगाह भी जाएंगे। इस तरह सपा मुंबई से दलित, पिछड़े और मुसलमान को सियासी संदेश देने का प्लान बना रही है।
लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद से सपा ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी थी। अखिलेश यादव ने सपा के राष्ट्रीय महासचिव इंद्रजीत सरोज को महाराष्ट्र चुनाव का प्रभारी नियुक्त किया था और अबू आसिम आजमी को प्रदेश अध्यक्ष बनाया था। इंद्रजीत सरोज दलित समाज से आते हैं और वे बसपा से सपा में आए हैं। सपा की नजर महाराष्ट्र में मुस्लिम-दलित समीकरण पर है।
उत्तर प्रदेश में सपा ने कांग्रेस के साथ मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन महाराष्ट्र में सपा इंडिया गठबंधन का हिस्सा नहीं है। कांग्रेस, उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) और शरद पवार की एनसीपी मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ने की योजना बना रहे हैं। सपा ने मुंबई में अपनी सियासी ताकत दिखाकर इंडिया गठबंधन पर दबाव बनाने का प्लान बनाया है।
महाराष्ट्र में सपा का सियासी आधार मुंबई के मुस्लिम इलाकों तक सीमित है, विशेषकर उत्तर प्रदेश के प्रवासी मुस्लिमों के बीच। 2009 में सपा यहां चार सीटों पर जीती थी, लेकिन 2014 में संख्या घटकर 1 रह गई और 2019 में 2 विधायक बने। सपा ने करीब दो दर्जन सीटों पर चुनाव की तैयारी कर रही है, लेकिन उसकी कोशिश है कि अगर इंडिया गठबंधन का हिस्सा बनती है तो 8 से 10 सीटें हासिल कर सके।
अब देखना है कि कांग्रेस, उद्धव ठाकरे और शरद पवार सपा को महाराष्ट्र में सियासी जगह देने के लिए रजामंद होंगे या नहीं। सपा का जिस वोट बैंक पर नजर है, वह कांग्रेस और पवार का है। क्या वे सपा को जगह देकर अपने वोटबैंक में एक और साझीदार बनाने का जोखिम उठाएंगे?
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